विधानसभा चुनाव राउंड-अप: बलिया में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रैली में हंगामा हुआ और ‘अखिलेश जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. रालोद के जयंत चौधरी ने योगी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए सवाल किया कि सरकार ने आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती क्यों नहीं दी. वहीं, पंजाब में पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मुकाबले इस बार सबसे कम मतदान हुआ.
संसद ने विपक्ष द्वारा आय में असमानता का मुद्दा उठाने पर भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने कहा कि इस देश में पैसा निवेश करने वाले अंबानी, अडानी या हर उद्योगपति रोज़गारों का सृजन कर रहे हैं इसलिए इनका सम्मान किए जाने की ज़रूरत है.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान पहले वर्ष यानी साल 2020 में बेरोज़गारों के बीच आत्महत्या की सबसे अधिक संख्या देखी गई. पिछले कुछ सालों में पहली बार यह 3,000 का आंकड़ा पार कर गया.
वीडियो: ऑक्सफैम की ‘इनइक्वैलिटी किल्स’ नाम की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में भारत के 84 फ़ीसदी परिवारों की आय घटी है, पर इसी अवधि में देश में अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई है. 100 सबसे अमीर लोगों की सामूहिक संपत्ति रिकॉर्ड 57.3 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर तक पहुंच गई है. इस रिपोर्ट को लेकर जेएनयू के प्रोफेसर प्रवीण झा से मुकुल सिंह चौहान की बातचीत.
वीडियो: भारत में महामारी की तीसरी लहर के बीच अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों का संघर्ष जारी है. राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के लेबर चौक इलाके में द वायर के याक़ूत अली ने मज़दूरों का हाल जाना.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.
उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों में भीड़ हिंसा और नफ़रत की राजनीति के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए राज्य में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों पर चिंता जताई है. कोरोना की पहली लहर में सरकार ने ताली-थाली बजवाई थी, उसी तर्ज पर इस दौरान कनस्तर बजाकर नारे लगाए गए और हिंसा ख़त्म करने की अपील की गई. साथ में नारे लिखे पोस्टर दिखाकर सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त किया गया.
रविवार को जारी ऑक्सफैम की रिपोर्ट 'इनइक्वैलिटी किल्स' में कहा गया कि 2021 में भारत के सौ सबसे अमीर लोगों की सामूहिक संपत्ति रिकॉर्ड 57.3 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर तक पहुंच गई है. सबसे अमीर सौ परिवारों की संपत्ति में हुई वृद्धि का लगभग पांचवां हिस्सा केवल अडाणी घराने के हिस्से आया है.
रोज़गार दर या श्रम भागीदारी अनुपात इस बात का मापक है कि अर्थव्यवस्था में कितने नौकरी लायक सक्षम लोग वास्तव में नौकरी की तलाश कर रहे हैं. सीएमआईई के मुताबिक, भारत का श्रम भागीदारी अनुपात मार्च 2021 में 41.38 फीसदी था (जो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के बिल्कुल क़रीब है) लेकिन पिछले महीने यह गिरकर 40.15 फीसदी रह गया.
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के समय दूसरे राज्यों के लोग वहां ज़मीन या अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे. संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि इस अनुच्छेद के निरस्त होने के बाद से सूबे के बाहर के व्यक्तियों ने कुल सात भूखंड खरीदे, जो जम्मू क्षेत्र में आते हैं.
वीडियो: रेलवे में भर्ती के लिए एक तरफ़ युवा आंदोलन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति जारी है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी
लॉकडाउन से पहले इन नौ क्षेत्रों में कुल 307.8 लाख लोग कार्यरत थे, जो कि लॉकडाउन के बाद घटकर 284.8 लाख लोग रह गए. सरकार द्वारा संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक, आईटी/बीपीओ, वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य क्षेत्रों के मुकाबले विनिर्माण, निर्माण, शिक्षा और व्यापार क्षेत्रों को अधिक नुकसान हुआ है.
अखिलेश यादव द्वारा किया गया जिन्ना का ज़िक्र भाजपा के लिए रामबाण-सा साबित हुआ है. अपराधों, महंगाई और बेरोज़गारी से उपजा असंतोष राज्य भाजपा सरकार के गले में फंदे की तरह लटका है. ऐसी सूरत में किसी न किसी बहाने हिंदू-मुस्लिम और जातीय ध्रुवीकरण पार्टी और योगी सरकार के लिए सबसे बड़ा हथियार है.
वीडियो: देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोज़गारी का हाल ऐसा है कि प्रधानमंत्री द्वारा रोज़गार के रूप में गिनाया गया पकौड़ा बेचने का काम भी करना अब मुश्किल होता जा रहा है. वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई पर बाथ यूनिवर्सिटी के विज़िटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा से द वायर के मुकुल सिंह चौहान से बातचीत.
उत्तर प्रदेश में बढ़ रही बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ बीते 24 सितंबर को विभिन्न छात्रों और युवा संगठनों ने राज्यव्यापी आंदोलन किया. प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि वे अगले साल राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले ‘छात्र युवा रोज़गार अधिकार मोर्चा’ के तहत राज्य में बेरोज़गारी और निजीकरण के ख़िलाफ़ आंदोलन को और तेज़ करेंगे.