केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र ने इन मौतों की जानकारी कभी नहीं मांगी और ऐसे बयान से देश को गुमराह किया है.
राज्यसभा में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बताया गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस तरह की मौतों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं मांगा था. दिल्ली सरकार ने इस तरह की मौतों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया था,
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नियमित तौर पर कोरोना के मामले और मौत की संख्या के बारे में केंद्र सरकार को सूचित करते हैं, लेकिन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ऐसी कोई सूचना नहीं दी.
इन श्रेणियों के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण की अवधि 25 जनवरी 2020 को समाप्त होने वाली थी. सरकार आरक्षण की मियाद बढ़ाने के लिए इस सत्र में एक विधेयक लाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सितंबर 2018 में कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समृद्ध लोग यानी कि क्रीमी लेयर को कॉलेज में दाखिले तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता.
सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कोई ‘एक्स’ व्यक्ति आरक्षण की मदद से किसी राज्य का मुख्य सचिव बन जाता है. अब, क्या उसके परिवार के सदस्यों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए पिछड़ा मानना तर्कपूर्ण होगा.’
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एससी/एसटी वर्ग के लोग सदियों तक मुख्यधारा से बाहर रखे गए, जाति का दंश एवं ठप्पा अब भी उनके साथ जुड़ा हुआ है. क्रीमी लेयर सिर्फ़ ओबीसी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने से समृद्ध लोगों को बाहर रखने के लिए लाया गया था.
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से शीर्ष अदालत ने पूछा कि देश के विभिन्न आश्रय गृहों में रह रहे 1575 लड़के-लड़कियां यौन और शारीरिक उत्पीड़न के शिकार हैं. आपने इस बारे में क्या किया?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक की सरकारों को चार हफ़्ते में जवाब देने का निर्देश दिया.
शीर्ष अदालत लोकपाल मामले में न्यायालय के फैसले पर अमल नहीं होने के कारण सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मुंबई पानी में डूबी है. दिल्ली में पानी नहीं है. शिमला में भी पानी नहीं है. सरकार की रिपोर्ट कहती है कि यमुना में साफ पानी की संभावनाएं हैं, लेकिन यमुना ही नहीं बची है.
समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने संबंधी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार से सुनवाई चल रही है.
जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी और सेना के जवान औरंगज़ेब की हत्या के बाद रमज़ान के महीने मेें शुरू किए गए एकतरफा संघर्ष विराम की अवधि को आगे बढ़ाने से गृह मंत्रालय ने इनकार कर दिया है.
सरकार के हिंसा पर एकाधिकार को तब ही स्वीकार किया जा सकता है जब वह क़ानून के दायरे में हो; अगर ऐसा नहीं है तब कोई उसके इस एकाधिकार को तोड़ता है तो उसे ग़लत नहीं ठहराया जा सकता.