शांति समझौता ‘शर्मनाक’; लक्ष्य और आदर्श छोड़े जाने पर राजनीतिक समाधान संभव नहीं: उल्फा (आई)

मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय, असम सरकार और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने बीते 29 दिसंबर को एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. परेश बरुआ के नेतृत्व वाला दूसरा गुट, जिसे उल्फा (आई) के नाम से जाना जाता है, शांति प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ है.

असम: हाईकोर्ट ने उग्रवादी संगठन उल्फा के समर्थन में कविता लिखने वाली छात्रा को ज़मानत दी

असम में जोरहाट के डीसीबी कॉलेज में बीएसएस गणित की दूसरे वर्ष की छात्रा को उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित रूप से कविता लिखने को लेकर बीते 18 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उसके बाद से  वह गोलाघाट केंद्रीय कारागार में बंद थीं.

असम: मुख्यमंत्री ने उल्फा (आई) से माफ़ी मांगने पर अपने मंत्री को कारण बताओ नोटिस भेजा

असम के तिनसुकिया से विधायक और कैबिनेट मंत्री संजय किशन ने बीते 13 मई को विधानसभा में प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ को झूठा कहा था. अगले दिन इस संगठन ने एक बयान जारी कर मंत्री से माफ़ी मांगने को कहा. उसके कुछ ही घंटों में मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर बरुआ से माफ़ी मांग ली थी.