दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल की शिकायत के आधार पर खुर्जा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि भारत के मानचित्र से लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर को भारत से बाहर दर्शाया गया था. हालांकि, ट्विटर ने सोमवार शाम तक इस नक़्शे को प्लेटफॉर्म से हटा दिया.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते 25 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफ़िला के गुज़रने के दौरान ट्रैफिक में फंसी एक महिला की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी. मृतक की पहचान इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की कानपुर इकाई की महिला विंग की प्रमुख वंदना मिश्रा के रूप में हुई थी. वह कोविड-19 जटिलताओं से जूझ रही थीं. पुलिस के अनुसार, घटना को लेकर राष्ट्रपति ने भी खेद प्रकट किया है. चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाराबंकी में अवैध तरीके से एक मस्जिद को ध्वस्त करने की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार रात द वायर और इसके दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. मस्जिद को कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बीते मई में ध्वस्त किया गया था, जिसकी ख़बर भारत और विदेशों में द वायर सहित कई अन्य मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित की थी.
मामला उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का है. एक दलित युवती ने फेसबुक पर जान-पहचान बढ़ाकर कथित रूप से बलात्कार करने और धर्म परिवर्तन कराकर निकाह के बाद छोड़ देने का आरोप लगाते हुए एक युवक तथा उसके परिजनों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया है.
ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने सोमवार देर शाम नोटिस जारी कर ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को आगाह किया कि अगर वह 24 जून को उसके समक्ष पेश नहीं हुए तो इसे जांच में बाधा के समान माना जाएगा और क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी. ग़ाज़ियाबाद के लोनी में एक बुज़ुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के साथ मारपीट, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर करने की घटना से संबंधित वीडियो/ख़बर ट्वीट करने को लेकर द वायर और ट्विटर के
ट्विटर द्वारा यह कार्रवाई यूपी पुलिस द्वारा कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ चल रही जांच के मद्देनजर की गई है. ग़ाज़ियाबाद के लोनी में एक बुज़ुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के साथ मारपीट, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर करने की घटना से संबंधित वीडियो/ख़बर ट्वीट करने को लेकर द वायर और ट्विटर के साथ कई पत्रकारों और नेताओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी ने धार्मिक कारणों से हमले का शिकार होने का दावा करने वाले 72 वर्षीय अब्दुल समद सैफ़ी के साथ फेसबुक लाइव वीडियो किया था. आरोप है कि उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी इलाके में चार युवकों ने सैफ़ी को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को मजबूर किया और उसकी दाढ़ी काटने के साथ उनके साथ मारपीट की.
यूपी पुलिस ने पिछले अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद उन पर शांतिभंग और यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए गए थे. इसी हफ्ते मथुरा की स्थानीय अदालत ने इन सभी को शांतिभंग के आरोपों से मुक्त किया है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी में बीते पांच जून को एक मुस्लिम बुज़ुर्ग हमला करने के मामले में पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एमडी को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने के लिए कहा है. घटना से संबंधित वीडियो/ख़बर ट्वीट करने को लेकर द वायर और ट्विटर समेत कई पत्रकारों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया. इस बीच अदालत ने बुज़ुर्ग पर हमले के आरोपी नौ लोगों को ज़मानत दे दी है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी में बीते पांच जून को एक मुस्लिम बुज़ुर्ग हमला करने का मामला सामने आया था. पीड़ित का आरोप था कि हमलावरों ने उनकी दाढ़ी भी काट दी थी और उनसे जबरन ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था. घटना से संबंधित वीडियो/ख़बर ट्वीट करने को लेकर द वायर समेत कई पत्रकारों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी इलाके में अब्दुल समद सैफ़ी नाम के एक मुस्लिम बुज़ुर्ग पर हमला करने और उन्हें ‘जय श्री राम’ कहने पर मजबूर करने का मामला सामने आया था. इस संबंध में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में दी गई एक शिकायत में अभिनेत्री स्वरा भास्कर, ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी, द वायर की वरिष्ठ संपादक आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, ट्विटर इंक, ट्विटर इंडिया और आसिफ़ ख़ान का नाम शामिल है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. उन पर आरोप लगाया था कि हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के मद्देनज़र सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे. यूपी सरकार ने दावा किया था कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.
एबीपी गंगा में कार्यरत प्रतापगढ़ के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव ने शराब माफिया से धमकी मिलने का संकेत देते हुए इलाहाबाद पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. पुलिस ने दावा किया है कि सोमवार की रात सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत विपक्ष के नेताओं ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाए हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर से लगे क़रीब एक दर्जन घरों को हटाकर वहां कथित तौर पर मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती को लेकर हंगामा मचा हुआ है. प्रभावित परिवारों का आरोप है कि दबाव में उनसे सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाए गए, जबकि प्रशासन का दावा है कि सभी ने बिना दबाव के हस्ताक्षर किए हैं. इस मुद्दे पर गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक मनोज सिंह से मुकुल सिंह चौहान
प्रतापगढ़ ज़िले के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव एबीपी गंगा में कार्यरत थे. शराब माफिया के बारे में ख़बर लिखने के बाद बीते 12 जून को उन्होंने धमकी मिलने का संकेत देते हुए इलाहाबाद के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी. पुलिस ने दावा किया कि उनकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई है.