उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि प्लेटफॉर्म के साइन बोर्ड में रेलवे स्टेशनों का नाम हिंदी और अंग्रेज़ी के बाद संबंधित राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा में लिखा होना चाहिए. उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा संस्कृत है.
एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि जून 2013 में केदारनाथ में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद लापता होने वाले लोगों को ढूंढने के लिए छह साल बाद भी उत्तराखंड सरकार ने कोई विशेष क़दम नहीं उठाया है.
उत्तराखंड में शराब बेचने का लाइसेंस पाने के लिए पांच लाख रुपये फीस भरनी होगी और इसके लिए दुकान का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये होना चाहिए.