सुप्रीम कोर्ट के कुछ सीनियर जजों ने जस्टिस केएम जोसेफ की वरिष्ठता को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. जजों का तर्क है कि चूंकि कॉलेजियम ने पहले ही जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी इसलिए उन्हें पहले नंबर पर रखा जाना चाहिए.
केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा जस्टिस जोसेफ की सिफारिश को वापस भेज दिया था. सरकार का तर्क था कि जस्टिस जोसेफ से सीनियर कई जज हैं, जिन्हें मौका मिलना चाहिए.
केंद्र सरकार ने अप्रैल महीने में जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफ़ारिश संबंधी फाइल कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए प्रधान न्यायाधीश को लौटा दी थी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नाम को मंज़ूरी दे दी थी.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पूरे प्रदेश में ऊंची जाति का कोई पुजारी अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी व्यक्ति की तरफ से पूजा करने से इनकार नहीं कर सकता है.
उच्च न्यायालय ने अंतरधार्मिक विवाह के मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि यह आदेश नहीं बल्कि सुझाव है.
उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ दलील दी थी कि ये नदियां कई अन्य राज्यों से होकर भी बहती हैं. ऐसे में इन नदियों की ज़िम्मेदारी केवल उत्तराखंड को नहीं दी जा सकती.
राज्य सरकार ने सवाल उठाया है कि बाढ़ में जनहानि होने पर क्या प्रभावित व्यक्ति इन नदियों के अभिभावक बनाए गए अधिकारी के ख़िलाफ़ नुकसान के लिये मुकदमा दर्ज करा सकता है या ऐसे वित्तीय बोझ को उठाने के लिये राज्य सरकार ज़िम्मेदार होगी.
मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कई अधिकारियों को निलंबित कर चुके हैं, वहीं केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.