उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी, उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर कंपनी की खांसी की दवा का सेवन करने के बाद हुई मौत को लेकर सवालों के घेरे में है. औषधि निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) ने कहा है कि इस घटनाक्रम से भारतीय फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा ख़राब हुई है.
उज़्बेकिस्तान ने कहा है कि भारत निर्मित खांसी की दवा ‘डॉक-1 मैक्स’ में परीक्षण के दौरान विषाक्त एथिलीन ग्लाइकॉल रसायन पाया गया है. इस दवा का निर्माण नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी करती है. भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि कंपनी की विनिर्माण इकाई की निरीक्षण रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.