रूस में निर्मित कोविड-19 टीके स्पुतनिक वी से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस असाधारण समय में नियमावली से गुज़रते हुए मानव जीवन को बचाना कठिन हो जाएगा. इस समय लचीलापन और तत्परता मंत्र होना चाहिए.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का कुल आंकड़ा 28,694,879 है और अब तक 344,082 लोग इस महामारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 17.26 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 37.12 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
वीडियो: बीते 30 मई को केंद्र सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये जून महीने के लिए कोविड-19 टीकाकरण योजना की जानकारी दी थी. केंद्र ने बताया था कि जून में टीके के 12 करोड़ डोज़ उपलब्ध होंगे. इनमें से 6.1 करोड़ डोज़ केंद्र सरकार के कोटे से होंगे वहीं 5.9 करोड़ डोज़ राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों की सीधी ख़रीद से उपलब्ध होंगे.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कोविड टीकाकरण नीति को ‘प्रथम दृष्टया मनमानापूर्ण एवं अतार्किक’ क़रार दिया है, जिसमें पहले दो चरणों में संबंधित समूहों को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,574,350 हो गई है और 340,702 लोग अब तक इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.21 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 37.02 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि महामारी से लड़ने के लिए हमें सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण प्रदान करने की ज़रूरत है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि समाज के सभी वर्ग वायरस से सुरक्षित हैं. केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकती और सब कुछ राज्यों पर नहीं छोड़ सकती. उसे समयबद्ध तरीके से टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहिए.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 28,441,986 हो गई है और इस महामारी से मौत का आंकड़ा 337,989 हो गया है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.16 करोड़ से ज़्यादा हैं और मृतक संख्या 36 लाख के पार चली गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दो चरणों में संबंधित समूहों (45 वर्ष से अधिक उम्र) को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे ख़र्च किए गए हैं और इसका उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि टीकों की कमी से जान गंवाने वालों को आप क्या जवाब देंगे? अदालत ने केंद्र से कहा कि टीकों के निर्माण के लिए बहुत सारी गुंजाइश और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. इस्तेमाल न की गई इस क्षमता का उपयोग करना होगा. आपके अधिकारियों को इसका एहसास नहीं हो रहा है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,307,832 हो चुकी है, जबकि मृतक संख्या 335,102 है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.11 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 35.65 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,175,044 हो गई है और मृतक संख्या 331,895 है. विश्व में संक्रमण के 17.07 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 35.5 लाख से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि महामारी की पल-पल बदलती स्थिति से निपटने के लिए वे अपनी नीतियों में लचीनापन रखें. साथ ही अदालत ने केंद्र के टीकाकरण के लिए ‘कोविन’ पर पंजीयन अनिवार्य करने को लेकर कहा कि बार-बार डिजिटल इंडिया का नाम लिया जाता है पर ग्रामीण इलाकों में हालात अलग हैं.
भारत में 50 दिन बाद बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस महामारी के सबसे कम 152,734 नए मामले आए हैं. इस अवधि में 3,128 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 329,100 हो गई है. वहीं, विश्व में अब तक 35.41 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र ने न तो उचित टीकाकरण मुहिम शुरू करने, न ही ऑक्सीजन वितरण और न ही किसी अन्य चीज़ के लिए प्रबंध किए. ये संदेश दिया कि हमने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीत ली है. अब इसका ख़ामियाज़ा लोग भुगत रहे हैं. यदि उचित तैयारी होती, तो ऐसे हालात कभी पैदा नहीं होते.
केंद्र ने अगस्त से दिसंबर के बीच 2.2 अरब टीके उपलब्ध करवाने की बात कही है, पर यह नहीं बताया कि इनमें से कितने देश में बनेंगे और कितने आयात होंगे. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि टीकों की मौजूदा कमी नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच उत्पादकों को वैक्सीन का प्री-ऑर्डर देने में मोदी सरकार की नाकामी का नतीजा है.