दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में जेएनयू की संपत्ति को निजी संस्था या किराए पर देने की योजना पर कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय पूरी तरह से जेएनयू को सब्सिडी देता है, पर यूनिवर्सिटी की अपनी कोई आय नहीं है. जेएनयू को अपने ख़ुद के फंड कमाने की ज़रूरत है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी ने कहा है कि विश्वविद्यालय वर्तमान में गंभीर वित्तीय दवाब में है. हम अपनी संपत्तियों को नए उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं. 35 फिरोजशाह रोड की संपत्ति का हम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से पुनर्विकास करना चाहते हैं. गोमती गेस्ट हाउस को हम निजी संस्था को किराए पर देने का विचार कर रहे हैं.
जेएनयूटीए ने एक नई रिपोर्ट में विश्वविद्यालय को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों को उठाया है. शिक्षक इस बिगड़ती स्थिति की वजह प्रशासनिक उदासीनता को मानते हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने जेएनयू के इतिहासकारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि हम झूठी बुनियाद पर इतिहास नहीं लिख सकते, जो हम पिछले 75 साल से करते आ रहे हैं और मेरा विश्वविद्यालय इसमें बहुत अच्छा रहा है, लेकिन अब इसमें बदलाव दिखने लगा है.