भीमा कोरेगांव हिंसा: पुणे पुलिस ने पांच और सामाजिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया

पुलिस का दावा है कि भीमा कोरेगांव हिंसा से एक दिन पहले हुए एल्गार परिषद कार्यक्रम में हुए भाषणों से हिंसा भड़की थी, जिसमें कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था. मंगलवार सुबह से देश के विभिन्न शहरों में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों पर पुलिस ने छापे मारे हैं.

‘जेल की स्थिति समाज से भी बदतर है इसलिए वहां से निकला हुआ व्यक्ति और बड़ा अपराधी बन जाता है’

हिरासत में होने वाली हिंसा और जेलों की स्थिति पर सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्णन गोंसाल्विस से बातचीत.

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