हिजाब, हलाल और मुस्लिम पुरुष: मुसलमानों के बारे में हिंदुत्व के पूर्वाग्रहों का कोई अंत नहीं है

मुस्लिमों की लानत-मलामत करना चुनाव जीतने का फॉर्मूला बन चुका है. और देश के हालात देखकर लगता नहीं है कि ये आने वाले समय में असफल होगा.

मुस्लिम तुष्टिकरण की बात छलावा, दल ध्रुवीकरण के चलते मुस्लिमों से कन्नी काट रहे: एसवाई क़ुरैशी

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि 1980 और 1990 के दशक में ध्रुवीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण का एक ‘मिथक’ बनाया गया था, जिसने ग़ैर मुसलमानों के मन में यह धारणा पैदा की कि उनकी नौकरियां छीनी जा रही हैं. 

क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करके वोट बैंक बनाना चाहती है भाजपा?

वीडियो: जब भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात आती है तो जाटों और मुसलमानों की चर्चा होती है, क्योंकि यहां दोनों की अच्छी ख़ासी आबादी है. दोनों समुदायों को कुल मिलाकर 43 फीसदी वोट है. पश्चिमी यूपी में क्या करेगी भाजपा? क्या अखिलेश का जाट-मुस्लिम फैक्टर चलेगा या भाजपा का 80 बनाम 20 का दांव काम करेगा? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.

विधानसभा चुनाव: क्या जाट-मुस्लिम एकता से पश्चिमी यूपी हार सकती है भाजपा?

वीडियो: पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसान आंदोलन का केंद्र रहा है और उत्तर प्रदेश चुनाव की कुंजी भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथ में है. क्या जाट-मुस्लिम समीकरण फिर सेभाजपा की हर की वजह बनेगा.

मतदाताओं को लुभाने की होड़ में राजनीतिक दलों के बीच कोई ख़ास वैचारिक अंतर नहीं है

वर्तमान भारतीय राजनीति में प्रत्येक दल ख़ुद का सफल फॉर्मूला ईजाद करने की कवायद में दूसरे दल से कुछ न कुछ उधार लेने की कोशिश कर रहा है. आज भारतीय लोकतंत्र कम हो रहे राजनीतिक विकल्पों और इन विकल्पों के अभाव में अपने आप को ही विकल्प समझ लेने वालों से भरा पड़ा है.

उत्तराखंड में लैंड जिहाद के नाम पर वोट लेने का पैंतरा अपना रही बीजेपी

वीडियो: आगामी चुनावों के कारण उग्र राजनीतिक हितों के बीच उत्तराखंड में भाजपा नेतृत्व अब भूमि जिहाद के अपने सिद्धांत के नाम पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर रही है. द वायर ने इस मुद्दे और भाजपा के लिए इसके महत्व के बारे में विशेषज्ञों से बातचीत की.

पूरी व्यवस्था को तबाह कर देती है वोट बैंक की राजनीति: मोदी

राजस्थान के अजमेर में हुई सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले हिंदू, मुस्लिम, अगड़े-पिछड़े जैसे मुद्दों को लेकर समाज को बांटते हैं. हम लोग वोट बैंक की राजनीति में नहीं, ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं.