कुछ साल पहले अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने के बाद से तेलंगाना की स्वतंत्र पत्रकार तुलसी चंदू को ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. अपने वीडियो को लेकर उन्हें ‘हिंदू विरोधी’, ‘अर्बन नक्सल’ और ‘कम्युनिस्ट’ के रूप में ब्रांड किया जाता है. अब उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिलने लगी है.
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अख़बार की संवाददाता सबरीना सिद्दीक़ी ने अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद उनके माता-पिता के पाकिस्तानी होने का दावा कर उन्हें ‘पाकिस्तान की बेटी’ बताया जा रहा है.
तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल ने अपने ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न मामले में तय आरोपों को रद्द करने की मांग की थी, जिसे ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी किए जाने का आदेश दिया है.
हैदराबाद पुलिस ने कहा कि पत्रकार के चैनल के डिबेट में आए एक मेहमान ने उनके खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है, जिसके आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया है.
नवंबर 2013 में गोवा में आयोजित एक समारोह में तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल पर उसी पत्रिका में काम करने वाली एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.