500 से अधिक नागरिकों, अधिकार कार्यकर्ताओं, महिला समूहों, छात्रों और शिक्षाविदों ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए लिखा है कि यूएपीए की तरह ही पीएमएलए के दुरुपयोग के भी मामले बढ़ रहे हैं, ख़ासकर उन लोगों के ख़िलाफ़ जो सरकार और इसकी नीतियों के मुखर आलोचक हैं.