दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने विश्व आर्थिक मंच दावोस वार्ता में कहा कि दुनिया के अमीर देशों ने उत्पादकों से बड़ी मात्रा में टीके की खु़राक ले ली हैं और कुछ देशों ने तो अपनी जनसंख्या की ज़रूरत से चार गुना ज़्यादा मात्रा में टीके लिए हैं.
डिटरमाइनिंग चाइल मोर्टेलिटी इन सुंदरबन इंडिया: अप्लाइंग द कम्युनिटी नॉलेज अप्रोच’ नामक सर्वे में बताया गया है कि एक से चार साल के आयुवर्ग के बच्चों में डूबने से हुई मौत की दर प्रति एक लाख बच्चों पर 243.8 प्रतिशत है जबकि 5 से 9 साल के बीच यह दर 38.8 प्रतिशत है. इस बारे में पूछे जाने पर राज्य के सुंदरबन मामलों के मंत्री ने कहा कि उनके विभाग के पास ऐसे कोई आंकड़े नहीं हैं.
डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने कोविड टेस्टिंग पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है कि लोग अब शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे. मास्क पहनने के बाद भी कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना ज़रूरी है.
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने एक सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 वैक्सीन को दुनियाभर में न्यायसंगत तरीके से बांटना चुनौतीपूर्ण होगा. यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी देशों में समान वितरण हो, न कि किसी अमीर देश के पास ही अधिकाधिक वैक्सीन पहुंच जाएं.
कोरोना वायरस के मरीज़ों को सांस लेने में तकलीफ़ का सामना करना पड़ता है और उन्हें ऑक्सीज़न सपोर्ट की ज़रूरत पड़ती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने कहा कि अनेक देशों के पास ऑक्सीज़न के लिए ज़रूरी उपकरणों का अभाव है और 80 फ़ीसदी से ज्यादा बाज़ार पर कुछ ही कंपनियों का क़ब्ज़ा है.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि विषाणु अब भी तेजी से फैल रहा है और भौतिक दूरी, मास्क लगाने तथा हाथ धोने जैसे कदम आज भी महत्वपूर्ण हैं.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते विभिन्न देशों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ढेर सारे बच्चों को अपने साथ दुर्व्यवहार करने वालों के साथ लगातार रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
कोरोना वायरस को लेकर एक समीक्षा मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित हुई है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि मौजूदा सबूतों की यह व्यवस्थित समीक्षा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कराई गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात परिस्थिति संबंधी प्रमुख डॉ. माइकल रायन ने कहा कि यह अनुमान लगाना असंभव है कि इस वैश्विक महामारी पर कब तक नियंत्रण पाया जा सकेगा.
चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के अध्ययन के मुताबिक देश के सभी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है. हाल ही में यूनिसेफ ने कहा था कि कोरोना वायरस की वजह से वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने चेताया है कि लॉकडाउन से निकल रहे देश अगर बहुत व्यवस्थित और चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को नहीं हटाएंगे तो उन्हें दोबारा लॉकडाउन में जाना पड़ सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि उनके पास कोरोना वायरस के चीन के वुहान की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला में उत्पन्न होने के सबूत हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ की ओर से कहा गया है कि वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया गया है और कोरोना वायरस के कारण 13 अन्य देशों में भी टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ है.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कोरोना वायरस को स्वाइन फ्लू से भी ख़तरनाक बताते हुए नियंत्रण उपायों को धीरे-धीरे हटाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि हमारे वैश्विक जुड़ाव का मतलब यह बीमारी फिर से सिर उठा लेगी.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में 69,527 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,277,962 हो गई है.