मानवाधिकार संगठनों ने एक पत्र जारी कर जुबैर के खिलाफ दर्ज हालिया एफआईआर को तुरंत वापस लेने और केंद्र सरकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने की मांग की है.
मुस्लिमों की लानत-मलामत करना चुनाव जीतने का फॉर्मूला बन चुका है. और देश के हालात देखकर लगता नहीं है कि ये आने वाले समय में असफल होगा.