सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महाकुंभ में हुई भगदड़ में कथित लापरवाही को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है.
मौनी अमावस्या के महापर्व पर महाकुंभ में जो हादसा हुआ, उसके लिए मानवीय भूल और भीड़ नियंत्रण की विफलता को तो ज़िम्मेदार माना ही जाएगा. चूंकि सरकार इतनी अधिक भीड़ जुटाने का श्रेय ले रही थी, इसलिए हादसे का अपयश भी स्वीकार करना ही चाहिए.
हादसे के दो दिन बाद भी प्रयागराज में विकट स्थिति बनी हुई है. लोगों के घरों में दूध और अख़बार तक नहीं पहुंच पाए हैं. शहर की सड़कों पर बेहिसाब भीड़ के बीच वाहन अटके हुए हैं.
महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक अन्य घायल हो गए. एक जनहित याचिका में यूपी सरकार पर प्रशासनिक चूक, लापरवाही और पूर्ण विफलता का आरोप लगाया गया है. इस बीच, भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं.
1954 कुंभ त्रासदी को लेकर तब की सरकार को कोसने वाले भूल जाते हैं कि भगदड़ के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने सभी वीआईपी अतिथियों से आग्रह किया था कि वे प्रमुख स्नान पर्वों पर कुंभ न जाएं, पर अब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह वहां जाने वाले हैं और उनसे ऐसी किसी अपील की उम्मीद की ही नहीं जाती.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में महाकुंभ के दौरान बुधवार को संगम पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा होने से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है. खबरों में 15 लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है लेकिन आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है.
मार्च 1978 में होलिका दहन स्थल को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव था. अफवाह फैली कि एक दुकानदार ने दूसरे समुदाय के व्यक्ति की हत्या कर दी, जिससे दंगे भड़क गए. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस को सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
बदायूं के एक ग्रामीण ने विशेष एमपी/एमएलए अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि बिल्सी से विधायक हरीश चंद्र शाक्य और उनके सहयोगी दो साल से एक ज़मीन बेचने का दबाव डालते हुए धमका रहे थे. शिकायतकर्ता ने शाक्य पर उनकी पत्नी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के ‘फिलिस्तीन’ लिखे बैग पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि यूपी सरकार युवाओं को अवसरों की तलाश में इज़रायल भेज रही है. इस पर प्रियंका ने कहा है कि युवाओं को रोज़गार' के लिए युद्ध क्षेत्र में झोंकना उपलब्धि नहीं, शर्म की बात है.
मीडिया कवरेज के लिए अंग्रेजी और हिंदी में छपे यूपी सरकार के एक ब्रोशर में पत्रकारों और संपादकों को बताया गया है कि महाकुंभ 2025 को कैसे कवर किया जाए, उन्हें किस तरह की स्टोरी करनी चाहिए और इसके लिए वे किससे बातचीत करें व किसका साक्षात्कार लें.
इस समय संविधान की सबसे बड़ी सेवा सत्ताधीशों के स्वार्थी मंसूबों की पूर्ति के उपकरण बनने से इनकार करना है. समझना है कि संविधान के मूल्यों को बचाने की लड़ाई सिर्फ न्यायालयों में या उनकी शक्ति से नहीं लड़ी जाती. नागरिकों के विवेक और उसकी शक्ति से भी लड़ी जाती है.
2022 में पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणियों के ख़िलाफ़ इलाहाबाद में हुई हिंसा को लेकर यूपी पुलिस ने स्थानीय एक्टिविस्ट जावेद मोहम्मद को हिरासत में लिया था और उन्हें 'मास्टरमाइंड' बताने के बाद उनका घर गिरा दिया था. उनकी कहानी.
झारखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कोई भी पार्टी दुबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी, सत्ता विरोधी लहर हमेशा ही बिहार से अलग हुए इस राज्य के चुनाव परिणाम पर हावी रहा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से 27 जीत कर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन ने इतिहास रच दिया है.
यूपी उपचुनाव के नतीजों के समय याद रखना चाहिए कि मतदान के दिन कई जगह पुलिसकर्मी नापसंद मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए उनके पहचान पत्र चेक करते, राह रोकते, उन पर रिवॉल्वर तक तानते दिखे थे. सत्ता तंत्र इस तरह चुनाव कराने लगेगा तो लोकतंत्र का भविष्य क्या होगा.
झांसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने मीडिया को बताया कि एनआईसीयू के कर्मचारियों के अनुसार आग रात 10.30 से 10.45 बजे के बीच में लगी थी.