शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए वीडियो साक्ष्य के संबंध में फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुई देरी का संज्ञान लिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि विरोध करने वाले किसानों पर हमला करने को लेकर दर्ज केस को किसानों की मौत के बाद हुई हिंसा के मामले के साथ जोड़कर हल्का किया जा रहा है.
नागरिक समाज संगठनों द्वारा मार्च 2017 और मार्च 2018 के बीच में उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर की 17 घटनाओं का अध्ययन किया गया है, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई थी. इसमें से किसी में भी किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन मामलों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी की थी. इनमें से 12 मामलों में आयोग ने पुलिस को क्लीनचिट दे दी है.
बीते तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, एक स्थानीय पत्रकार और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज दूसरी एफ़आईआर के सिलसिले में इन दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इस हिंसा में कथित भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी से कुचल दिए जाने से चार किसानों की भी मौत हो गई थी.
अखिलेश यादव द्वारा किया गया जिन्ना का ज़िक्र भाजपा के लिए रामबाण-सा साबित हुआ है. अपराधों, महंगाई और बेरोज़गारी से उपजा असंतोष राज्य भाजपा सरकार के गले में फंदे की तरह लटका है. ऐसी सूरत में किसी न किसी बहाने हिंदू-मुस्लिम और जातीय ध्रुवीकरण पार्टी और योगी सरकार के लिए सबसे बड़ा हथियार है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. जहां एक तरफ़ भाजपा जनता को बता रही है कि अगर अखिलेश यादव वापस आए तो गुंडाराज वापस आ जाएगा तो वहीं अखिलेश यादव ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के ओपी राजभर से हाथ मिलाकर एक नया पासा फेंका है. उत्तर प्रदेश के चुनावी हालात के पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
वीडियो: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले लगातार सभाओं में भाग ले रही हैं. बीते दिनों गोरखपुर में ऐसी ही एक रैली को संबोधित करते हुए हुए उन्होंने कहा कि मर जाऊंगी, जान दे दूंगी, लेकिन भाजपा के साथ कभी मिलावट नहीं होने दूंगी. प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति पर वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी और निवेदिता झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने बातचीत की.
2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते समय विधान परिषद एमएलसी के सदस्य रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने इस निर्णय के पीछे का कोई कारण नहीं बताया है. हालांकि उन्होंने ये ज़रूर कहा कि उनके चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला पार्टी करेगी.
गोरखपुर की रैली से कांग्रेस ने दिखाया है कि अब वह भी भाजपा, सपा, बसपा की तरह बड़ी रैली करने में सक्षम है. पार्टी पूर्वांचल में एक और रैली करने के बाद लखनऊ में बड़ी जनसभा करने की तैयारी में है. बड़ी रैलियां या जनसभाएं चुनावी सफलता की गारंटी नहीं हैं, लेकिन इनके ज़रिये कांग्रेस यह साबित करने की कोशिश करेगी कि लोग उससे जुड़ रहे हैं.
अमेठी के गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि वे ख़ुद को वर्तमान शासनकाल में जनसमस्याओं के निस्तारण में सक्षम नहीं पा रहे हैं, जिसके कारण उनका विधानसभा में सदस्य के रूप में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है.
आईआईटी कानपुर द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को राजनीतिक प्रचार कहकर ख़ारिज करना आसान है, लेकिन इसे मिली व्यापक मीडिया कवरेज और इसके लेखक की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसकी सावधानीपूर्वक गहराई से समीक्षा होनी चाहिए.
फ़ैज़ाबाद ज़िले को अयोध्या का नाम देने के बाद अब उसके रेलवे स्टेशन को अयोध्या कैंट करने वाली योगी सरकार को कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब भी देने चाहिए, मसलन अयोध्या ज़िले की प्रति व्यक्ति आय क्या है? क्या अयोध्या की सरकार प्रायोजित जगर-मगर उसकी ग़रीबी का विकल्प हो सकती है? विकास के नाम पर लोगों को दरबदर करने वाली सरकारी योजनाएं इस ग़रीबी को घटाएंगी या बढ़ाएंगी?
यूपी पुलिस की अपराध शाखा द्वारा जारी बयान के अनुसार, लखीमपुर खीरी हिंसा की तफ़्तीश कर रहे विशेष जांच दल ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में गुरविंदर सिंह और विचित्र सिंह नाम के व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है.
दिल्ली की सीमाओं पर विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचल कर उनकी हत्या किए जाने के मामले में आरोपी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में पेश किए गवाहों की संख्या पर भी सवाल उठाए और कहा कि मामला है कि हज़ारों किसान रैली निकाल रहे थे और केवल 23 ही चश्मदीद हैं? इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि कुछ गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए जा चुके हैं, जिसके बाद कोर्ट ने मामले के अन्य गवाहों के बयान भी इसी धारा के तहत दर्ज करने का निर्देश दिया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि उनकी सरकार ने प्रदेश से भू-माफ़ियाओं को ख़त्म कर दिया है. मगर मेरठ में दलितों की ज़मीन भू-माफ़ियाओं द्वारा छीनी जा रही है और उनका शोषण किया जा रहा है. द वायर ने दलित समुदाय के इन लोगों से बात की, जिनका कहना है कि पुलिस-प्रशासन भू-माफ़िया को रोकने में असमर्थ हैं.