भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ दल द्वारा धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि इन चुनावों में अनैतिक रास्ते तय किए गए. इस रास्ते से चंद दिनों के लिए महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हो सकती है, पर लंबे समय तक इसे सुरक्षित नहीं रखा जा सकता.
उत्तर प्रदेश में बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली थी. प्रतापगढ़ ज़िले की थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में कथित फ़र्ज़ी मतदान को लेकर पुलिस पर किए गए पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में बीते 10 जुलाई की रात सपा के एक पूर्व विधायक सहित 161 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या के प्रयास
उत्तर प्रदेश में शनिवार को पंचायत ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली. इटावा में पथराव और गोलीबारी हुई, जहां से सामने आए एक वीडियो में पुलिसकर्मी भाजपा सदस्यों द्वारा उनसे मारपीट और बम लाने की बात कहते सुनाई दिए. साथ ही एक पत्रकार ने उन्नाव में चुनाव की रिपोर्टिंग के दौरान मुख्य विकास अधिकारी और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें पीटने की बात कही है.
उत्तर प्रदेश के ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में तिकड़म, धनबल, दबाव आदि के सहारे मिली जीत को जिस तरह 'जनता-जर्नादन का आशीर्वाद' और 'जनविश्वास की जीत' बताया जा रहा है, उससे लगता है कि हमें लोकतंत्र के लिए नई परिभाषा ढूंढना शुरू कर देना चाहिए.
ज़िला पंचायत चुनाव में मिली विजय पर फूली न समा रही भाजपा भूल रही है कि ज़िला पंचायत अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष चुनाव में जीत किसी भी अन्य अप्रत्यक्ष चुनावों की तरह किसी पार्टी की ज़मीनी पकड़ या लोकप्रियता का पैमाना नहीं होती. कई बार तो संबंधित पार्टी को इससे मनोवैज्ञानिक बढ़त तक नहीं मिल पाती.
राज्य के बाकी 53 ज़िलों में आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी मतगणना शुरू होगी. उत्तर प्रदेश के इन ज़िलों में उम्मीदवारों की जीत विपक्ष के आरोपों के बीच हुई है कि भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. वहीं, सपा पर अनुचित साधनों का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए भगवा पार्टी ने पलटवार किया है.