20 जुलाई 2018 को अलवर ज़िले में गो-तस्करी के संदेह में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षक सेल के नेता नवल किशोर शर्मा पर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था.
राजस्थान के अलवर ज़िले के खेरली पुलिस स्टेशन में अपने पति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने गई एक 26 वर्षीय महिला के साथ एक सब-इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर तीन दिनों तक बलात्कार किया. आरोपी पुलिसकर्मी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
राजस्थान के अलवर ज़िले की घटना. 20 जुलाई 2018 को रकबर ख़ान और उनके एक साथी पर गो-तस्करी के संदेह में गोरक्षकों की भीड़ ने हमला कर दिया था. बर्बर पिटाई के बाद रकबर की मौत हो गई थी, जबकि उनके साथी बचकर भाग निकलने में सफल रहे थे.
अलवर ज़िले के थानागाज़ी थाना क्षेत्र में 26 अप्रैल 2019 को अपने पति के साथ जा रही एक दलित महिला से पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था. आरोपियों ने पीड़ित से धन उगाही भी की थी. मामले में चुनावी व्यस्तता का हवाला देकर पुलिस पर कई दिनों तक केस न दर्ज करने का आरोप लगा था.
पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जब अपराध हुआ उस समय दोनों दोषी नाबालिग थे. अब वे 18-21 वर्ष आयु वर्ग के हैं इसलिए उन्हें किशोर सुधार गृह भेजने की सजा सुनाई गई है.
साल 2017 में पहलू खान की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में यह पहली दोषसिद्धी है. पिछले साल अगस्त में अलवर की निचली अदालत ने मामले के छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था.
राजस्थान के अलवर ज़िले के मुंडावर थाना क्षेत्र की घटना. परिजनों ने हत्या के पीछे राजनीतिक रंज़िश होने की आशंका जताई है. पुलिस हत्या का केस दर्ज किया.
मामला अलवर जिले का है, जहां गुरुवार को एसपी ने जिले में तैनात नौ पुलिसकर्मियों के दाढ़ी रखने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. ये सभी नौ पुलिसकर्मी मुस्लिम समुदाय से थे.
राजस्थान के अलवर में अप्रैल 2017 में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने मवेशी ले जा रहे पहलू ख़ान, उनके दो बेटों और ट्रक चालक पर हमला कर दिया था. इस हमले के दो दिन बाद पहलू ख़ान की अस्पताल में मौत हो गई थी.
साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू खान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. इस साल अगस्त महीने में निचली अदालत ने मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया.
मामला राजस्थान के अलवर का है. पीड़ित के भाई का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में उनके भाई से इस तरह से पूछताछ की जा रही थी, जैसे वह खुद ही आरोपी हैं. कॉलेज प्रशासन ने भी किसी तरह का सहयोग नहीं दिया.
राजस्थान सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की जांच में हुई खामियों और अदालत के निर्णय की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया.
राजस्थान की अदालत ने अपने फैसले में मामले की एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर पुलिस को फटकार लगाई और कहा कि यह जांच अधिकारी की ओर से बरती गई गंभीर लापरवाही दिखाता है. इससे पहले बुधवार को अदालत ने मामले में छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.
साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू ख़ान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. मामले में पुलिस ने पहलू ख़ान द्वारा शिनाख्त किए गए सभी छह आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी.
राजस्थान की अलवर पुलिस ने गोवंश की ढुलाई के मामले में पहलू ख़ान के दो बेटों- इरशाद और आरिफ़ तथा ट्रक ऑपरेटर ख़ान मोहम्मद के ख़िलाफ़ आगे जांच के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था.