असम में एनआरसी मसौदा जारी होने के बाद से भाजपा नेता देश के विभिन्न राज्यों में एनआरसी की मांग कर रहे हैं. वहीं भाजपा महासचिव राम माधव का कहना है कि देश भर से रोहिंग्या घुसपैठियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 के तहत मतदाता के पंजीकरण के लिए तीन जरूरी अनिवार्यताओं में आवेदक का भारत का नागरिक होना, न्यूनतम आयु 18 साल होना और संबद्ध विधानसभा क्षेत्र का निवासी होना शामिल है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फ़ायदे के लिए असम में लाखों लोगों को राज्य विहीन करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने कहा, भारी संख्या में भारतीयों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया.
एनआरसी को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हुई.
एनआरसी को लेकर विपक्ष भाजपा सरकार पर हमलावर. ममता बनर्जी ने पूछा, जिन 40 लाख लोगों के नाम रजिस्टर में नहीं है वे कहां जाएंगे? क्या केंद्र के पास इन लोगों के लिए कोई पुनर्वास कार्यक्रम है?
30 जुलाई को जारी होने वाले एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट को लेकर सरकार का आश्वासन, मिलेंगे नागरिकता साबित करने के पर्याप्त अवसर. इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
साक्षात्कार: पूर्वोत्तर राज्यों पर लिखी संजय हज़ारिका की नई किताब 'स्ट्रेंजर्स नो मोर' पिछली किताब ‘स्ट्रेंजर्स ऑफ द मिस्ट’ के करीब 25 साल बाद आई है. इस बीच इस क्षेत्र ने कई बदलाव देखे, लेकिन हज़ारिका का मानना है कि यहां के मूल मुद्दे अब भी वही हैं, जो तब थे.
इससे पहले असम लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राकेश पॉल समेत 35 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इस साल 13 अधिकारियों को प्रोबेशन के समय ही बर्खास्त कर दिया गया था. ये सभी गुवाहाटी केंद्रीय कारागार में बंद हैं.
हम भी भारत की 41वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी बीते दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार और लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल से चर्चा कर रही हैं.
वीडियो: देश भर में अफ़वाहों के चलते बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
मणिपुर के नोनी जिले के ताज़ीकाइफुन गांव के रहवासियों का आरोप है कि मई के आखिरी हफ्ते में असम राइफल्स की 23वीं डिवीज़न ने एनएससीएन (आईएम) के कैंप पर छापा मारने के लिए 2 गांववालों को मानव ढाल के बतौर इस्तेमाल किया.
गांववालों का आरोप है कि इस व्यक्ति ने एक बच्ची को जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश की, व्यक्ति का कहना है कि वह सिर्फ पीने का पानी मांग रहा था.
30 जून को सौंपा जाना था मसौदा, लेकिन राज्य में बाढ़ के हालात के चलते हुई देरी. कोर्ट ने 30 जुलाई तक समय सीमा बढ़ाई.
देशभर में व्हाट्सऐप से फैली बच्चे चोरी होने की अफ़वाह से बढ़ीं हिंसा की घटनाएं. तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर बच्चा चोरी के संदेह में हुआ हमला, असम में बच्चे चुराने के शक में विक्षिप्त महिला को खंबे से बांधकर पीटा.