कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक 36 मामलों में आरटीआई कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया गया. 41 अन्य को या तो प्रताड़ित किया गया या नतीजे भुगतने की धमकी दी गई. वहीं, पुख़्ता सबूत होने के बावजूद एक भी मामले में दोषियों को सज़ा नहीं हुई.
महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय राज्यमंत्री के कार्यालय के एक अधिकारी दिलीप कांबले ने विकलांग व्यक्तियों के आयुक्त से दो या इससे अधिक आरटीआई याचिका दायर करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा है.
नवल किशोर आरटीआई कार्यकर्ता होने के साथ चांदनी चौक इलाके में लाल किले के सामने कपड़े की दुकान लगाया करते थे. नवल के आरटीआई लगाने की वजह से कई लोगों की दुकानें सील हो गई थीं.
बिहार के जमुई ज़िले में मारे गए आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या का कारण पंचायत विकास से जुड़ी योजनाओं में लूट खसोट को उजागर करना बताया जा रहा है.