असम के सिलचर से दो बार विधायक रह चुके दिलीप कुमार पॉल ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि अगर भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी बजाई जाए तो गाय कई गुना अधिक दूध देगी.
इससे पहले विदेशी नागरिक प्राधिकरण कारगिल युद्ध में भाग ले चुके मोहम्मद सनाउल्लाह और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान मामुद अली को भी विदेशी घोषित कर चुका है. सनाउल्ला की घटना के तुरंत बाद, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि किसी भी जवान को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी.
एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि अगर किसी का नाम सूची में नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के अंदर अपील दायर कर सकते हैं. यह समय सीमा पहले 60 दिन की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमारे आदेश और हमारी कार्रवाई हर क्षण बहस और आलोचना का विषय होती है. हम इससे विचलित नहीं होते. यदि हम इस पर गौर करेंगे तो हम कभी भी अपना काम पूरा नहीं कर सकेंगे.’
असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि इस साल अब तक डिटेंशन सेंटरों में विदेशी घोषित किए गए सात लोगों की जान जा चुकी है.
मिया कविता, मिया समुदाय की अस्मिता की लड़ाई है, अपनी भाषा-संस्कृति, अपनी पहचान की लड़ाई है. वे अपनी कविताओं के माध्यम से इस भूखंड पर अपनी पहचान, अपने अस्तित्व और अपने हक़ की मांग कर रहे हैं.
केंद्र और असम सरकार ने एनआरसी में गलत तरीके से शामिल किए गए और उससे बाहर रखे गए नामों का पता लगाने के लिए 20 फीसदी नमूने का फिर से सत्यापन करने की अनुमति न्यायालय से मांगी थी, जिसे उसने ठुकरा दिया.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि बांग्लादेश से सटे जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों लोगों को गलत तरीके से असम एनआरसी में शामिल किया गया है. इस वजह से एनआरसी को अंतिम रूप देने के लिए 31 जुलाई की समयसीमा बढ़ाई जाए.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि इस साल 31 मार्च 2019 तक कुल 1,17,164 लोगों को न्यायाधिकरणों ने विदेशी घोषित किया. 100 विदेशी न्यायाधिकरण असम के विभिन्न ज़िलों में चल रहे हैं.
इस कविता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद ‘मैं मिया हूं’ कविता के रचनाकार हाफ़िज़ अहमद सहित 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. इन लोगों पर अपनी कविताओं के ज़रिये असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और असमिया लोगों के प्रति नफ़रत या पूर्वाग्रह रखने का आरोप लगाया गया है.
असम में मिया कविता पर बना एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद इस कविता के रचनाकार हाफ़िज़ अहमद समेत 10 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया. आरोप है कि इन कविता में एनआरसी और असमिया लोगों के प्रति पूर्वाग्रह झलकता है.
बीते मई में विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में हुए संशोधन ने विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए देश भर में ऐसे न्यायाधिकरण खोले जाने की संभावना के बारे में बहस की शुरुआत की, जिसके बाद इसे लेकर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. जानिए क्या हैं विदेशी न्यायाधिकरण और इससे जुड़े नियम.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि असम में एनआरसी को अंतिम रूप देने की 31 जुलाई की समयसीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एनआरसी से प्रभावित होने वाले हर शख़्स को निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिले.
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित मोहम्मद सनाउल्लाह को असम फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित किया. उन्हें गोलपाड़ा के हिरासत केंद्र में भेजा गया. सनाउल्लाह के परिवारवालों ने बताया कि वह ट्रिब्यूनल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गौहाटी उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.