अनुसूचित जाति-जनजाति कानून से संबंधित मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को वृहद पीठ को सौंपने का अनुरोध करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस व्यवस्था की वजह से जानमाल का नुकसान हुआ है.
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा कि उसके फैसले ने देश में बेचैनी, क्रोध, असहजता और कटुता का भाव पैदा कर दिया है.
भारत बंद पर सोशल मीडिया के हाई वोल्टेज ड्रामा को देखते हुए ये महसूस हुआ कि पुलिस और सरकार की विफलता पर बात नहीं करने की होशियारी और हिंसा के नाम पर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की चालाकी ज़्यादा ख़तरनाक हिंसा है.
लोग अब समझने लगे हैं कि अपने संकीर्ण एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सत्ताधारी जमातें भले डॉ आंबेडकर की मूर्तियां लगवा दें, मगर तहेदिल से वह मनु की ही अनुयायी हैं.
दलितों का ग़ुस्सा इस बिना पर है कि वे समझते हैं कि लंबे संघर्ष के बाद उन्हें जो संवैधानिक व क़ानूनी अधिकार मिले हैं, सत्तारूढ़ भाजपा व उसका मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें छीनना चाहते हैं.
भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंदोलन कर रहे लोग निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा गुमराह किए गए हैं. केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर 10 दिन बाद विस्तार से सुनवाई की जाएगी.
हम भी भारत की 28वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी एससी-एसटी क़ानून में बदलाव के ख़िलाफ़ हो रहे भारत बंद के दौरान दिल्ली के संसद मार्ग पर प्रदर्शनकारियों से बात कर रही हैं.
अख़बार और चैनल लीड-हेडिंग और ब्रेकिंग न्यूज़ में क्यों चला रहे हैं, ‘दलित आंदोलन हिंसक हुआ!’ अगर मारे गए लोगों में ज़्यादातर दलित/उत्पीड़ित समाज से हैं तो फिर दलित हिंसक कैसे हो गया?