केंद्र सरकार के विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते साल 26 नवंबर से दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों ने अपना प्रदर्शन शुरू किया था. पंजाब और हरियाणा में दो दिनों के संघर्ष के बाद किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश की मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद दिल्ली की तीनों सीमाओं- सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया था, जो आज भी जारी है.
असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों में पिछले साल 12 दिसंबर को पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसे काला दिवस कहते हुए 18 संगठनों ने क़ानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए राज्य के मूल निवासियों की पहचान, भाषा और सांस्कृतिक धरोहर के ख़िलाफ़ है.
प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी देश की जनता द्वारा कालेधन के ख़िलाफ़ लड़ी गई निर्णायक लड़ाई. कांग्रेस ने कहा, पीएम माफ़ी मांगें.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, मोदी ने रोजगारहीनता एवं आर्थिक अवसरों की कमी से उत्पन्न गुस्से को सांप्रदायिक घृणा में तब्दील कर भारत को क्षति पहुंचाई है.
मनमोहन ने नोटबंदी को बताया संगठित लूट और कानूनी डाका, जेटली ने कहा ऐतिहासिक पल, पीढ़ियां गर्व करेंगी.
नोटबंदी से अमीरों का काला धन गरीबों को देने का प्रधानमंत्री मोदी का महान वादा एक डरावने मज़ाक में बदल चुका है क्योंकि पिछले साल भर में देश के कमज़ोर तबके पर नोटबंदी की सबसे ज़्यादा मार पड़ी है.
योजना आयोग के पूर्व सदस्य ने कहा, नोटबंदी से ग़रीब प्रभावित हुए लेकिन उन्होंने मोदी को माफ़ कर दिया क्योंकि वे मानते हैं कि यह क़दम अमीरों के ख़िलाफ़ था.
कांग्रेस ने कहा, जेटली अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर पेश कर देश को गुमराह कर रहे, कालाधन विरोधी दिवस मनाने की बजाय देश को आहत करने के लिए माफ़ी मांगें.
कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की आशंका जताई थी, वह सही साबित हुई.