एक्सक्लूसिव: जिस समय किसान आंदोलन शुरू हुआ, तब वित्त मंत्रालय ने कृषि से जुड़ी खाद्य सुरक्षा मिशन, सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट घटाने को कहा था. व्यय विभाग ने राज्यों को दालें वितरित करने वाली योजना को कृषि मंत्रालय के बजट में शामिल करने पर सवाल उठाए थे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कपास पर 10 फ़ीसदी सीमा शुल्क की घोषणा की. कपास किसानों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता का मानना है कि इससे किसानों को कोई विशेष लाभ होने की संभावना नहीं है.
कृषि क़ानूनों पर किसानों के विरोध के बीच मोदी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी व्यवस्था ख़त्म नहीं होगी, पर आम बजट में इसे दिलाने वाली योजनाओं के फंड में बड़ी कटौती की गई है, जिसके चलते किसानों को उतनी एमएसपी भी नहीं मिलेगी, जितनी सरकार तय करती है.
साल 2019-20 का कृषि बजट करीब एक लाख 30 हज़ार करोड़ रुपये है, जो कुल बजट का केवल 4.6 फीसदी है. इसमें से 75,000 करोड़ रुपये पीएम-किसान योजना के लिए आवंटित किए गए हैं. इस तरह अन्य कृषि योजनाओं के लिए सिर्फ 55,000 करोड़ रुपये ही बचते हैं.
वीडियो: इस साल के बजट में कृषि और किसानों को लेकर की गई घोषणाओं पर कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा से द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.