केंद्रीय सूचना आयोग ने कोरोना संबंधी आरटीआई मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई शुरू की

केंद्रीय सूचना आयोग का ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल को जारी उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि कोरोना मामलों की सुनवाई के लिए आयोग को एक विशेष पीठ का गठन करना चाहिए. आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास ने इस मामले में याचिका दायर की थी. दास को इसलिए हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा था, क्योंकि सीआईसी इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर नहीं ले रही थी.

स्वास्थ्य मंत्रालय जनहित में कोरोना संबंधी जानकारी स्वत: सार्वजनिक करे: सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय के ख़िलाफ़ जानकारियां छिपाने को लेकर दायर शिकायतों पर सुनवाई कर रहा था, जहां एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मंत्रालय के अधिकारी ने कोरोना टीकाकरण से संबंधित सूचनाओं का खुलासा करने से इनकार कर दिया था.

कोविड: टीकाकरण पर सियासी खींचतान की बजाय राज्यों को साथ लेकर समयबद्ध नीति लाए केंद्र

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे सही वैक्सीन नीति लागू करने को लेकर कार्यपालिका की बुद्धि पर भरोसा करना चाहिए. पर हक़ीक़त यह है कि भारत में स्पष्ट तौर पर कोई भी घोषित राष्ट्रीय वैक्सीन नीति है ही नहीं. सच यह भी है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अमल के लिए केंद्र और राज्य अलग इकाइयों के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं.

केंद्र को वैक्सीन की कमी की ज़िम्मेदारी लेते हुए फ़ौरन प्रभावी कदम उठाना चाहिए

देश में बेहद तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनज़र अब तक वैक्सीन उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया जाना चाहिए था. ज़ाहिर है कि इस दिशा में केंद्र सरकार की प्लानिंग पूरी तरह फेल रही है.

कोविड वैक्सीन जारी करने की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी साझा करने से स्वास्थ्य मंत्रालय का इनकार

एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा किए गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने वैक्सीन विशेषज्ञ समूह, सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैक्सीन को मंज़ूरी देने की प्रक्रिया और कोविन ऐप के उपयोगकर्ताओं का डेटा की सुरक्षा के मुद्दे पर जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया.

ब्राज़ील ने नहीं दी कोवैक्सीन को मंज़ूरी, कहा- मैन्युफैक्चरिंग मानकों पर सही नहीं

ब्राज़ील सरकार ने कोवैक्सीन के दो करोड़ डोज़ प्राप्त करने के लिए वहां भारत बायोटेक का प्रतिनिधित्व करने वाली कंपनी के साथ क़रार किया था. वहां वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए देश की स्वास्थ्य नियामक एन्विसा की मंज़ूरी मिलना अनिवार्य है, जिसने कोवैक्सीन को स्वीकृति देने से इनकार कर दिया है.

केंद्र ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से कहा- वैक्सीन के ख़िलाफ़ अफ़वाह फैलाने वालों पर कार्रवाई हो

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ दोनों सुरक्षित हैं और इन्हें लेकर ग़लत सूचनाएं फैलाने वालों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

क्या कोवैक्सीन को मिली मंज़ूरी पहले टीका लेने वालों के लिए इधर कुआं-उधर खाई वाली स्थिति है

कोवैक्सीन को लेकर जानकारियों/आंकड़ों पर गोपनीयता का पर्दा पड़ा हुआ है और हम एक ऐसी मुश्किल स्थिति में हैं, जिसमें कम से कम कुछ लोगों के पास वैक्सीन लेने के अलावा शायद और कोई विकल्प नहीं है, भले ही उनके मन में अपनी सलामती को लेकर कितना ही संदेह क्यों न हो.

कोरोना वैक्सीन से जुड़े अहम सवाल, जिन्हें पूछा जाना चाहिए

वीडियो: बीते दिनों भारत के औषध महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित टीके कोवैक्सीन को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी दी है. हालांकि इनको लेकर उठे सवाल अब भी अनुत्तरित हैं.

झारखंड: टीका न लगवाने पर सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोकने को कहा, विवाद के बाद आदेश वापस

कोडरमा ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ के 16 जनवरी के एक आदेश में सरकारी कर्मचारियों के टीका न लगवाने पर उनका वेतन रोकने की बात कही गई थी, जिसका काफ़ी विरोध हुआ.

कोविड टीकाकरण: दिल्ली में 52 और महाराष्ट्र में 14 लोगों पर साइड इफेक्ट के मामले सामने आए

कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले दिन देशभर में जिन स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया उनमें से 75 से अधिक लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले सामने आए. दिल्ली में एक गंभीर और 51 मामूली, जबकि महाराष्ट्र में ऐसे 14 मामले सामने आए.

रेज़िडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सीन पर संदेह जताया, भारत बायोटेक ने कहा- साइड इफेक्ट पर देंगे मुआवज़ा

कोवैक्सीन का केवल पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हुआ है, जबकि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का अध्ययन अभी किया जा रहा है. दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें इसे लेकर कुछ संदेह है और उनमें से अधिकतर टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे.

कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए चुनाव आयोग ने अपने डेटा के इस्तेमाल की मंज़ूरी दी

बीते दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि आयोग बूथ स्तर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की पहचान करने में मदद करे. हालांकि चुनाव आयोग चाहता है कि टीकाकरण अभियान समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी ये डेटा मिटा दें.

कोरोना वैक्सीन को मंज़ूरी तो मिल गई, लेकिन सरकार का इन दस सवालों के जवाब देना बाक़ी है

बीते दिनों भारत के औषध महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके कोवैक्सीन के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी दी है. हालांकि इनको लेकर उठे सवाल अब भी अनुत्तरित हैं.

देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होगा

कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब तीन करोड़ है. इसके बाद 50 साल की उम्र से अधिक और 50 साल से कम उम्र के वे समूह, जिनकी कोई कोमॉर्बिड अवस्था है, को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब 27 करोड़ है.