मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत पंद्रह मंत्रियों ने संविधान के नाम पर शपथ ली, वहीं पांच ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली. नए कैबिनेट में 75 फीसदी नेता पहली बार मंत्री और दस पहली बार विधायक बने हैं. साथ ही मंत्रिमंडल में पहली बार तीन महिलाओं को जगह मिली है.
शैलजा टीचर प्रसंग बताता है कि माकपा में व्यापक जनमत को लेकर कोई विशेष सम्मान नहीं है. वह जनमत को पार्टी लाइन के आगे नहीं मानती है. इसी हठधर्मिता के कारण वो सिंगूर और नंदीग्राम में जनता के विरोध के बावजूद अपनी लाइन पर अड़ी रही और बर्बाद हो गई. सत्ता चली गई, लाइन बची रह गई!
निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को केरल में निपाह वायरस के अलावा कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से तमाम नेताओं ने नाख़ुशी ज़ाहिर की है. पिनराई विजयन की गठबंधन सरकार में माकपा के कोटे से 11 नए मंत्री होंगे, जिनमें उनके दामाद भी शामिल हैं. पार्टी का कहना है कि उन्होंने पहले ही कहा था कि कैबिनेट में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा.
इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा का कहना था कि कोरोना महामारी के बीच इस सालाना उत्सव को रद्द नहीं किया जा सकता. मंगलवार को ज़िला प्रशासन की बैठक में उत्सव के दो बड़े आयोजकों ने इसे केवल अनुष्ठान तक सीमित रखने पर सहमति दी है, जहां दर्शकों को प्रवेश नहीं मिलेगा.
यह सालाना धार्मिक आयोजन मध्य त्रिशूर के वडाक्कुनाथम मंदिर में होता है और इसमें शिरकत करने वालों की संख्या के संदर्भ में यह केरल का सबसे बड़ा हिंदू त्योहार है. केरल में विपक्षी कांग्रेस, भाजपा और मंदिर समिति ने इसे रद्द करने का कड़ा विरोध किया है. बीते साल राष्ट्रीय लॉकडाउन के चलते इसे रद्द किया गया था.
आठ लोगों को निगरानी में रखा गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित डॉक्टरों का उच्च स्तरीय दल केरल पहुंचा. निपाह वायरस के स्वाभाविक वाहक चमगादड़ हैं.