शापूरजी पालोनजी परिवार से संबंध रखने वाले साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. मिस्त्री ने रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में कमान संभाली थी. मामले की सुनवाई करते हुए 2019 में राष्ट्रीय कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण ने मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच दिल्ली में कुल 2,394 कंपनियां बंद हुई हैं जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या 1,936 है.
इससे पहले 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बनाने के एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी थी.
एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ बीते 2 जनवरी को टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था और समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखर की नियुक्ति को ‘अवैध’ ठहराया था.
रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में साइरस मिस्त्री टाटा संस के प्रमुख बने थे. अक्टूबर 2016 में उन्हें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. इसके बाद मिस्त्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनसीएलएटी ने बीते 18 दिसंबर को उन्हें टाटा संस के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.