उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत एक मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ 28 नवंबर को पहला मामला दर्ज कराया गया था. लड़की के परिवार पर दबाव डालकर केस दर्ज कराने के आरोप से पुलिस ने इनकार किया है.
त्रिपुरा के गोमती ज़िले के उदयपुर में हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-8 को जाम कर दिया था. संगठन का कहना है कि पुलिस और प्रशासन जबरन धर्म परिवर्तन के ख़तरे को रोकने में विफल रहे हैं और अब केवल क़ानून ही आवश्यक सुरक्षा उपाय प्रदान कर सकता है.
इस अध्यादेश में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है. मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा भाजपा शासित राज्य है, जहां इस संबंध में क़ानून बनाया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ को मंज़ूरी दी गई. मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का क़ानून लाया गया है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम युवा धर्म परिवर्तन के लिए हिंदू लड़कियों से शादी से कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें विदेश से फंड मिल रहा है और लड़कियों से उन्होंने अपनी पहचान छिपा रखी है. इसकी जांच के लिए कानपुर रेंज के आईजी ने एसआईटी का गठन किया था.
जब ख़ुद केंद्र सरकार मान चुकी है कि लव जिहाद नाम की कोई चीज़ है ही नहीं, तो फिर कुछ राज्य सरकारों को उस पर क़ानून लाने की क्यों सूझी?
ऐसा कोई क़ानून नहीं है, जिसके तहत किसी व्यक्ति द्वारा पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने के लिए उसे मौत की सज़ा सुनाई जा सके, इसलिए अंतिम संस्कार से जुड़ा मुख्यमंत्री का संदर्भ भीड़ हिंसा के लिए धर्म के ठेकेदारों को प्रोत्साहित करने के समान है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले भी लव जिहाद की घटनाएं रोकने के लिए राज्य के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को योजना तैयार करने का निर्देश दिया था.
उत्तर प्रदेश गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि यह एक सामाजिक मुद्दा है. इसे रोकने के लिए इसे गंभीरता से लेना होगा. आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की ज़रूरत है. इसके लिए हमें सख़्त होना होगा.