एक खाप पंचायत अध्यक्ष ने कहा है, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे. हम वेदों को मानते हैं और वेदों में सगोत्रीय विवाहों को अनुमति नहीं दी गई है. एक ही गांव में रह रहे लोग भाई-बहन होते हैं, वे पति-पत्नी कैसे बन सकते हैं?'
हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई झांकी में अफ़राज़ुल हत्याकांड के आरोपी शंभूलाल को ‘एंटी लव जिहाद’ हीरो के रूप में दिखाया गया था.
मीडिया बोल की 42वीं कड़ी में उर्मिलेश सोशल मीडिया पर वायरल हुए अररिया वीडियो की मीडिया रिपोर्टिंग, राज्यसभा चुनाव और कैंब्रिज एनालिटिका को लेकर हुए डेटा लीक विवाद पर चर्चा कर रहे हैं.
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘राज्यसभा चुनाव परिणाम के बावजूद सपा-बसपा के बीच जारी तालमेल से भाजपा के लोग बहुत बुरी तरह परेशान हैं. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि हमारी यह नजदीकी, अपने स्वार्थ के लिए नहीं है. यह जनहित में है.’
किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. साथ ही, सरकार ने हाईवे बनाने के लिए अधिग्रहीत की गई उनकी ज़मीन का भी पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया है.
आरोपी गांव का पूर्व मुखिया है. हादसे से उग्र ग्रामीणों ने चक्का जाम किया और तोड़-फोड़ भी की. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम ने दावा किया कि आधार के तहत जमा की गई सूचना सुरक्षित है और डेटा में सेंधमारी की ख़बरें गलत हैं.
सागर के डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में 40 छात्राओं के साथ हुई इस घटना पर छात्राओं ने रोष जताया. विश्वविद्यालय के कुलपति ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए माफ़ी मांगी है.
गुना से भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विदेशी परंपरा है.
सपा प्रमुख ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सत्ता और धनबल का दुरुपयोग कर भाजपा ने सपा और बसपा के रिश्ते को और भी मजबूत कर दिया है.
पशुओं के कान में टैग लगाकर 12 अंकों की पहचान संख्या प्रदान की गई है. एक संबंधित अधिकारी ने बताया कि इससे पशुओं की अवैध खरीद-फरोख्त और तस्करी के साथ उन्हें लावारिस छोड़ने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में सरकारी तंत्र को सहायता मिलेगी.
जेएनयू की स्थापना के वक्त इससे जुड़ने वाले शिक्षाविदों में थापर भी थीं. उन्होंने कहा कि बहस की स्वतंत्रता न देना और केवल आधिकारिक विचारों को महत्व देना, इस बात की ओर इशारा है कि जो सत्ता में हैं कहीं न कहीं खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता के ज़रिये ब्रिटिश शासन के साथ-साथ देसी सामंतों को भी निशाने पर लेते थे. उनका दफ़्तर क्रांतिकारियों की शरणस्थली था तो युवाओं के लिए पत्रकारिता का प्रशिक्षण केंद्र.
मूर्तियों का गिराया जाना महज़ किसी पत्थर की निर्जीव प्रतिमा को ख़त्म किया जाना नहीं है. वह उस विचार, उस मूल्य को ज़मींदोज करने की कोशिश है, जिसका प्रतिनिधित्व वह प्रतिमा करती थी.
जेएनयू छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा शुक्रवार को निकाले गए मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस पर मीडियाकर्मियों से मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगा है.