एनजीटी ने महत्वपूर्ण स्थलों पर गंगा जल की गुणवत्ता मासिक आधार पर सार्वजनिक करने को कहा

एनजीटी ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह भी बताने का निर्देश दिया है कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य है या नहीं.

सीपीसीबी की रिपोर्ट में खुलासा, 39 में से सिर्फ एक जगह पर साफ है गंगा का पानी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017-18 में मानसून से पहले जिन 41 स्थानों से होकर गंगा नदी गुजरती है उनमें से 37 पर नदी का पानी प्रदूषित था. वहीं मानसून के बाद 39 में से केवल एक स्थान पर नदी का पानी साफ था.

3,867 करोड़ रुपये ख़र्च करने के बावजूद मोदी सरकार में और दूषित हुई गंगा: आरटीआई

द वायर ए​क्सक्लूसिव: सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चलता है कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ के बावजूद गंगा की सेहत सुधरने के बजाय और ख़राब हुई है.

एनजीटी ने गंगा के हालात बेहद ख़राब बताते हुए गंगाजल को इस्तेमाल योग्य नहीं बताया

एनजीटी ने सवाल उठाया कि अगर सिगरेट के पैकेटों पर ‘यह स्वास्थ्य के लिए घातक है’ चेतावनी लिखी हो सकती है, तो लोगों को नदी के जल के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए.

2014 से अब तक गंगा की सफाई पर 3,867 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च हुए: केंद्र सरकार

हाल ही में एनजीटी ने कहा है कि सरकार ने गंगा सफाई पर करोड़ों रुपये ख़र्च तो कर दिए है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है. इसकी सफाई के लिए कोई क़दम नहीं उठाया गया.

गंगा की सफाई के लिए शायद ही कुछ किया गया, हालात बेहद ख़राब: एनजीटी

एनजीटी ने कहा था कि सरकार ने गंगा सफाई पर 7,000 करोड़ रूपये खर्च कर दिया है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है.