उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति एक नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के आरोपी हैं. मार्च 2017 में गिरफ़्तार प्रजापति को हाईकोर्ट ने तीन सितंबर को मेडिकल आधार पर अंतरिम ज़मानत दी थी, जिसके ख़िलाफ़ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.
घटना बुलंदशहर जनपद की है, जहां कुछ महिलाओं उनके घर के बाहर पेशाब कर रहे युवक को टोका, तब युवक ने घर की एक युवती से छेड़खानी की. इसके कुछ देर बाद अपने साथियों के साथ आकर बाहर खड़ी परिवार की महिलाओं पर कार चढ़ा दी, जिसमें दो की मौत हो गई.
23 वर्षीय गौरव सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मास्टर्स से पढ़ाई कर रहा था. लंका पुलिस ने बुधवार को गौरव के पिता की तहरीर पर बीएचयू चीफ प्रॉक्टर समेत पांच लोगों के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
छात्र-छात्राओं का आरोप है कि चीफ प्रॉक्टर पिछले साल कैंपस में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर हुए आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार कर रही थीं, जिसके ख़िलाफ़ वे प्रदर्शन कर रहे थे.
राजधानी में पिछले साल दर्ज अपहरण के 6,707 मामलों में से 75 फीसदी से ज्यादा महिलाओं से जुड़े थे, हर रोज औसतन दो बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ.
छात्रा ने थाने में मामला दर्ज कराया. आरोपी छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
बीएचयू मामले में अपराध शाखा ने पूर्व चीफ प्रॉक्टर सहित 20 सदस्यों को थमाया नोटिस, हो सकती है पूछताछ.
क्या वाइस चांसलर, पुलिस प्रशासन और देश की सरकारें उन लड़कियों को देशद्रोही मानती हैं जो यह शिकायत करें कि उनके साथ छेड़खानी और अभद्र हरकतें हो रही हैं?
जिस सुरक्षा को लेकर बीएचयू में पूरा बवाल हुआ, उसकी स्थिति अब भी वैसी ही है. जिस जगह पर छात्रा को छेड़ा गया था, वहां अब भी रोशनी का इंतज़ाम नहीं हुआ है.
बीते कई दशकों से एक साधन-संपन्न और बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के बावजूद बीएचयू पूर्वांचल में ज्ञान और स्वतंत्रता की संस्कृति का केंद्र क्यों नहीं बन सका!
वाराणसी कमिश्नर ने अपनी जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन को दोषी क़रार देते हुए कहा है कि प्रशासन चाहता तो यह मामला आराम से निपट सकता था.
वीडियो: बीएचयू में छेड़छाड़ की घटना पर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में दिल्ली के उत्तर प्रदेश भवन पर विरोध प्रदर्शन.
आप गलत कह रहे हैं कि बीएचयू को बदनाम किया जा रहा है. लड़कियां अपनी आज़ादी और सुरक्षा का हक़ मांग रही हैं. यह आज़ादी उनकी प्रतिभा को और निखारेगी. वे निखरेंगी तो बीएचयू भी निखरेगा.
छावनी में तब्दील रहा कैंपस. छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए गए. सीओ भेलूपुर और लंका एसओ हटाए गए.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि उपद्रव की घटना बाहरी लोगों की देन है.