बीएचयू में लड़कियों के पहनावे और खानपान पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए: नवनियुक्त चीफ प्रॉक्टर

बीएचयू मामले में अपराध शाखा ने पूर्व चीफ प्रॉक्टर सहित 20 सदस्यों को थमाया नोटिस, हो सकती है पूछताछ.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयना सिंह. (फोटो साभार: एएनआई)

बीएचयू मामले में अपराध शाखा ने पूर्व चीफ प्रॉक्टर सहित 20 सदस्यों को थमाया नोटिस, हो सकती है पूछताछ.

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बीएचयू में नियुक्त पहली महिला चीफ प्रॉक्टर रोयोना सिंह. (फोटो साभार: एएनआई)

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हुए हंगामे की जांच में जुटी पुलिस की अपराध शाखा ने संस्थान के पूर्व चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर ओएन सिंह सहित प्रॉक्टोरियल बोर्ड के 20 से सदस्यों को नोटिस भेज कर उनसे तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है. दूसरी ओर, बीएचयू के इतिहास में पहली बार महिला चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति की गई है.

नवनियुक्त चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने बीएचयू के महिला हॉस्टलों में लड़कियों के ड्रेस कोड, खानपान आदि पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया के मुताबिक, ‘रोयाना सिंह ने बीएचयू में ड्रेस, एल्कोहल और मांसाहार पर पाबंदी को खारिज किया है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं यूरोप में पैदा हुई. मैं बार—बार कनाडा और यूरोप की यात्रा करती हूं. लड़कियों पर पहनावे की पाबंदी लगाना इसे खुद मुझ पर थोपने जैसा होगा. आप अपना दिन सुबह 6 बजे शुरू करें और 10.30 बजे खत्म करें.’

इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस की प्रोफेसर रोयाना सिंह ने कहा, ‘आप जिसमें सहज महसूस करें, वह न पहन सकें तो यह इस युग में शर्म की बात है. मुझे यह बहुत अजीब लगता है जब लड़के ‘भद्दे कपड़े’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. यदि लड़की, जिसमें सहज महसूस करती है, वैसे कपड़े पहनती है तो इसमें क्या दिक्कत है?’

प्रॉक्टोरियल बोर्ड से हो सकती है पूछताछ

अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्रनाथ प्रसाद का कहना है, अभी हम सभी लोगों से पूछताछ कर घटना के बारे में सारी जानकारी ले रहे हैं. इसी क्रम में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों को बुलाया गया है. सदस्यों से जाना जाएगा कि घटना के विभिन्न पहलुओं के बारे में पूछताछ की जा सकती है, जिसके बाद घटना की सही जानकारी मिलने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में कोई भी जानकारी रखने वाला व्यक्ति अपराध शाखा के कार्यालय में आकर या फिर फ़ोन द्वारा जानकारी दे सकता है.

बीएचयू बवाल की गंभीरता को देखते हुए अपराध शाखा की कई टीमें काम कर रही हैं. सर्विलांस, साइबर आदि की टीमें भी सक्रिय हैं. एक टीम दिन रात बीएचयू के पास के क्षेत्र में मौजूद है, जो स्थानीय लोगों से अराजक तत्वों की जानकारी लेने के बाद सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाल रही है.

प्रसाद के अनुसार, अपराध शाखा ने संदिग्ध मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिए हैं. अपराध शाखा को दशहरा अवकाश के चलते जांच में समस्या आ रही है. अधिकतर छात्र छात्राएं अपने घर चले गए हैं. इसके अतिरिक्त बीएचयू बंद होने के चलते भी परिसर के लोगों से अपेक्षित जानकारी नहीं मिल पा रही है.

विद्यार्थियों की सुरक्षा हमारी नैतिक जिम्मेदारी है: चीफ प्रॉक्टर

नवनियुक्त महिला चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की सभी छात्राएं हमारी बेटी के समान हैं और उनकी सुरक्षा के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. सभी विद्यार्थियों की सुरक्षा हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.

रोयाना ने कहा कि सीखना अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. हाल ही में घटी घटना से हमने सीख ली है और हमारा प्रयास रहेगा कि इस प्रकार ही घटना दोबारा न हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम विश्वविद्यालय के सभी संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर लिया है और वहां पर प्रकाश और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही लगभग 65 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य चल रहा है.

उन्होंने बताया कि पूरे परिसर को वाईफाई सुविधा से युक्त किया जा रहा है जिसकी शुरुआत महिला महाविद्यालय से की जा चुकी है.

उन्होंने कहा की त्रिवेणी संकुल क्षेत्र में यातायात नियंत्रण करने के साथ ही एक निश्चित समय सीमा के बाद वहां परिचय पत्र के आधार पर ही आवागमन की सुविधा दी जाएगी. विश्वविद्यालय परिसर में मंदिर और अस्पताल को देखते हुए बाहरी लोगों का प्रवेश तो नहीं रोका जा सकता. इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन बहरी तत्वों पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन से सहयोग मांगेगा.

मुख्य प्रॉक्टर ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों को बेहतर व्यवहार और किसी भी घटना पर तुरंत सक्रिय होने के निर्देश का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)