2016 में दर्ज राजद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व छात्र उमर ख़ालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य तथा अन्य के ख़िलाफ़ बीते 14 जनवरी को आरोप-पत्र दाख़िल किया था.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर अपने नाम के साथ चौकीदार जोड़ने के बाद 2016 में लापता हुए छात्र नजीब अहमद की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने उनसे पूछा कि देश की सर्वोच्च एजेंसियां क्यों नजीब को ढूंढने में नाकाम रहीं.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं और भारतीय मुसलमानों के हाशिये पर होने का आरोप लगाते हुए जनवरी में पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि आप लिखकर ले लीजिए, पांच-सात साल बाद आप कहीं कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट में मकान खरीदेंगे और वहां व्यापार करने का भी मौका मिलेगा.
अदालत ने पुलिस से कहा कि वह मंज़ूरी हासिल करने के बाद आरोप-पत्र दाख़िल कर सकती थी. इतनी जल्दबाज़ी क्या थी. जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और पूर्व छात्रों उमर ख़ालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य के ख़िलाफ़ देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है.
हिंदी साहित्य का लिविंग लीजेंड कहे जाने वाले नामवर सिंह जनवरी से अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार देर रात आखिरी सांस ली.
जेएनयू, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी और भारतीय दलित अध्ययन संस्थान द्वारा दो साल तक किए एक अध्ययन में सामने आया है कि देश की कुल संपत्ति का 41 प्रतिशत हिंदू उच्च जातियों और 3.7 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के हिंदुओं के पास है.
कश्मीर, आतंकवादी, वामपंथी, जेएनयू और जेएनयू टाइप, राष्ट्रवाद, दुर्गा, सब कुछ घालमेल हो जाता है. देश जैसे एक विक्षिप्तता में बड़बड़ा रहा है. सन्निपात से उसे होश में लाना नामुमकिन हो रहा है.
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से आवश्यक मंजूरी लेने की समयसीमा बढ़ाते हुए मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए टाल दी.
केंद्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि आपराधिक कानूनों में संशोधन एक सतत प्रक्रिया है और इस पर राज्य सरकारों सहित विभिन्न पक्षों से सलाह के बाद ही किसी तरह का फैसला लिया जाता है.
दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप-पत्र में 24 पुलिसकर्मियों, जेएनयू के 14 छात्र-छात्राओं और ज़ी न्यूज़ के चार कर्मचारियों समेत 77 लोगों को गवाह बनाया है. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों पर देशविरोधी नारे लगाने का आरोप है.
दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज राजद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया है. इस मुद्दे पर अपूर्वानंद का नज़रिया.
कोर्ट ने कहा कि समुचित मंज़ूरी बिना अदालत आरोप-पत्र पर संज्ञान नहीं लेगी. जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का आरोप है.
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने सरकार के ख़िलाफ़ नफ़रत और असंतोष भड़काने के लिए भारत विरोधी नारे लगाए थे.
आरोप-पत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि साल 2016 में जेएनयू में हुए कार्यक्रम के दौरान पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भीड़ को भारत विरोधी नारे लगाने के लिए उकसाया था.