कोविड टीकाकरण: आम आदमी की ज़िंदगी के प्रति भारत सरकार इतनी बेपरवाह क्यों है

टीकाकरण अगर सफल होना है तो उसे मुफ़्त होना ही होगा, यह हर टीकाकरण अभियान का अनुभव है, तो भारत में ही क्यों लोगों को टीके के लिए पैसा देना पड़ेगा? महामारी की रोकथाम के लिए टीका जीवन रक्षक है, फिर भारत सरकार के लिए एक करदाता के जीवन का महत्त्व इतना कम क्यों है कि वह इसके लिए ख़र्च नहीं करना चाहती?

कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाए, कहा- निर्माताओं पर न छोड़ें टीके की क़ीमत-वितरण

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की कोविड-19 टीकाकरण नीति पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के मॉडल को क्यों नहीं अपनाना चाहिए? केंद्र सौ प्रतिशत का अधिग्रहण क्यों नहीं कर सकता, निर्माताओं की पहचान करें और उनके साथ बातचीत करें और फिर राज्यों को वितरित करें.

कोविड-19: पहली बार नए मामलों की संख्या चार लाख के पार, 401,993 नए केस दर्ज, 3,523 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 19,164,969 हो गई है तथा इस महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 211,853 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 15.14 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 31.80 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

केवल सरकार विफल नहीं हुई हैं, हम मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के गवाह बन रहे हैं…

संकट पैदा करने वाली यह मशीन, जिसे हम अपनी सरकार कहते हैं, हमें इस तबाही से निकाल पाने के क़ाबिल नहीं है. ख़ाससकर इसलिए कि इस सरकार में एक आदमी अकेले फ़ैसले करता है, जो ख़तरनाक है- और बहुत समझदार नहीं है. स्थितियां बेशक संभलेंगी, लेकिन हम नहीं जानते कि उसे देखने के लिए हममें से कौन बचा रहेगा.

कोविड-19: देश में फ़िर एक दिन में सर्वाधिक 386,452 मामले आए, 3,498 लोगों की मौत

भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल 18,762,976 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक 208,330 लोगों की जान जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के मामले 15.05 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 31.66 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. सर्वाधिक प्रभावित तीसरे देश ब्राज़ील में एक महीने में एक लाख लोगों की मौत हुई है. मरने वालों की संख्या के लिहाज़ से यह अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है.

भाजपा शासित मध्य प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों ने एक मई से टीकाकरण में जताई असमर्थता

केंद्र की मोदी सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने की शुरुआत करने की तारीख़ एक मई तय कर दी है. हालांकि राज्यों का कहना है कि उनके पास टीका का पर्याप्त स्टॉक नहीं है, इसलिए एक मई से टीकाकरण की शुरुआत कर पाना उनके लिए मुश्किल है.

मध्य प्रदेश: कोविड-19 से डिप्टी रेंजर पति की मौत के सदमे में प्रोफेसर ने कथित तौर पर ख़ुदकुशी की

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. बीते 21 अप्रैल को राज्य के रायसेन ज़िले में एक महिला ने संक्रमण के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. इसी दिन देवास में छह दिन के अंदर वायरस से 75 वर्षीय एक महिला एवं उनके दो बेटों की मौत से दुखी होकर महिला की छोटी बहू ने जान दे दी थी.

कोविड-19: नए मामलों की संख्या पहली बार 3.75 लाख के पार, एक दिन में सर्वाधिक 3,645 लोगों की मौत

देश में बीते एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 379,257 मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद कुल मामले 18,376,524 हो गए है. इसके अलावा इस महामारी की चपेट में आकर जाने गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 204,832 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 14.96 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 31.51 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

कोविड-19: भारत ने संयुक्त राष्ट्र की मदद की पेशकश ठुकराई, कहा- हमारे पास मज़बूत व्यवस्था

भारत में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने भारत को ज़रूरत पड़ने पर एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला से मदद का प्रस्ताव दिया था, जिसके जवाब में उन्हें बताया गया कि इसकी ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारत के पास यथोचित ‘मज़बूत व्यवस्था’ है.

कोविड-19 से हुईं मौतें आम मौत नहीं हत्याएं हैं, जिसकी ज़िम्मेदार मोदी सरकार है

अगर भाजपा सरकार को कोविड की दूसरी लहर के बारे में पता नहीं था, तब यह लाखों को इकट्ठा कर रैली कर रही थी, या संक्रमण के प्रकोप को जानते हुए भी यह रैली कर रही थी, दोनों ही सूरतें बड़ी सरकारी नाकामी की मिसाल हैं. पता नहीं था तो ये इस लायक नहीं है कि गद्दी पर रहें और अगर मालूम था तो ये इन हत्याओं के लिए सीधे ज़िम्मेदार हैं.

सीरम इंस्टिट्यूट ने राज्यों के लिए टीके की कीमत 300 रुपये की, पूनावाला को मिली वाई श्रेणी सुरक्षा

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की कीमत राज्यों के लिए 400 रुपये कर दी थी, जिसकी काफ़ी आलोचना हो रही थी. भारत बायोटेक ने भी कोवैक्सीन की कीमत बढ़ा दी है. इस बीच गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला की सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मी सुरक्षा करेंगे.

कोविन पोर्टल पंजीकरण के लिए दस्तावेज़ न होने पर किसी क़ैदी को टीके से वंचित नहीं कर सकते: कोर्ट

ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि किसी भी क़ैदी को इस आधार पर कोविड टीकाकरण से वंचित न रखा जाए कि वह कोविन पोर्टल पर पहचान संबंधी दस्तावेज़ों के अभाव में ख़ुद को पंजीकृत नहीं कर सका. अदालत ने कहा ऐसे क़ैदियों को टीका लगाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं होनी चाहिए.

कोविड-19: मरने वालों की संख्या दो लाख के पार, 24 घंटे में रिकॉर्ड 360,960 नए केस दर्ज, सर्वाधिक 3,293 की मौत

देश में कोरोना वायरस संक्रमण से एक दिन में मरने वालों की संख्या पहली बार तीन हज़ार का आंकड़ा पार कर गई. संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 17,997,267 हो गए है और 201,187 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल 14.87 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं, जबकि 31.35 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

पत्थर के सनम जिन्हें हमने ख़ुदा जाना

आज हमें जो क्षोभ हो रहा है, उसका कारण सरकार से की गई अपेक्षाएं हैं, जिन पर खरी उतरने में वो पूरी तरह नाकाम रही. ऐसा दस साल पहले भी होता तो हम इतने ही त्रस्त होते, पर मुद्दा ये है कि जिन्हें हमने ख़ुदा समझा, वे परीक्षा की घड़ी आई, तो मिट्टी के माधो साबित हुए. बेशक दूसरे भी नालायक ही थे, पर कोई उन्हें ‘तारणहार’ कहता भी नहीं था!

कंपनियां कोविड वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय कर रही हैं, केंद्र क्या कर रहा है: सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार ने ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ के लिए 150 रुपये पर समझौता किया था, लेकिन जैसे ही सरकार ने वैक्सीन उत्पादकों को राज्यों और खुले बाज़ार के लिए कीमत तय करने की छूट दी, वैसे ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने क्रमश: राज्यों के लिए 400 और 600 रुपये, जबकि निजी अस्पतालों के लिए 600 और 1200 रुपये प्रति खुराक कीमत तय कर दी. विभिन्न राज्यों ने इन कंपनियों पर संकट काल में मुनाफ़ाखोरी का आरोप लगाया

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