वीडियो: मार्च 2020 में जब लॉकडाउन लगाया गया था तब देश की मीडिया ने सभी की बात की, लेकिन ट्रांसजेंडर्स के बारे में मीडिया और सरकार की बेरुखी ही देखने को मिली. महामारी के कठिन दौर में उनकी चुनौतियों और विभिन्न मसलों पर इस समुदाय के लिए काम करने वाली कोलकाता रिसता की संस्थापक संतोष से याक़ूत अली की बातचीत.
बिहार हाईकोर्ट ने राज्य में कॉन्स्टेबल पदों के आवेदन के विज्ञापन में थर्ड जेंडर का ज़िक्र न होने को संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए राज्य सरकार को सुधारात्मक कार्रवाई करने और अगले आदेश तक अभ्यर्थियों की अंतिम सूची तय करने की प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश दिया है.
केरल के एक कॉलेज में एक ट्रांसवूमेन द्वारा एनसीसी में दाखिला लेने के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन प्रशासन ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि एनसीसी में ट्रांसजेंडर को लेने का कोई प्रावधान नहीं है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) नियम 2020 में राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों और उनके हितों की सुरक्षा के लिए वेलफेयर बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गईं योजनाओं तक उनकी पहुंच बनने को कहा गया है.
केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न पदों की भर्ती के लिए तीसरे लिंग/अन्य श्रेणी को शामिल करने का मामला सरकार के समक्ष कुछ समय से विचाराधीन था.
यह घटना मेरठ के लाल कुर्ती पुलिस स्टेशन की है. अधिकारियों का दावा है कि यह कार्रवाई तब की गई जब उन्होंने लोगों से मिले उपहार को बांटने को लेकर दूसरे समूह के साथ झगड़ा शुरू कर दिया.
याचिका में कहा गया था कि धारा 376 सिर्फ महिलाओं को पीड़ित और पुरुषों को अपराध करने वाला मानती है. इसमें महिला द्वारा महिला पर गैर-सहमति से यौन हिंसा या फिर पुरुष द्वारा दूसरे पुरुष या फिर किसी ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे ऐसे ही व्यक्ति पर या किसी पुरुष के साथ महिला द्वारा किए गए अपराध को शामिल नहीं किया गया है.
आईपीसी की धारा 377 कहती है कि जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिए उसे उम्रक़ैद की सज़ा होगी.
साल 2013 में कॉन्स्टेबल की परीक्षा में चयन होने के बाद विभाग ने गंगा कुमारी की नियुक्ति रोक दी थी, जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी.