असम: तबलीगी जमात को लेकर विवादित पत्र लिखने वाले विदेशी न्यायाधिकरण सदस्य को हटाया गया

असम में विदेशी न्यायाधिकरण के सदस्य केके गुप्ता ने पिछले महीने स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को लिखे पत्र में कहा था कि कुछ सदस्यों द्वारा कोविड-19 के लिए इकट्ठा किए गए पैसों को दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक में शामिल होने वालों को राहत देने में इस्तेमाल न किया जाए क्योंकि वे जिहादी और जाहिल हैं.

कोरोना: अमेरिका में चार करोड़ बेरोज़गार हुए तो हंगामा मच गया, भारत में 11 करोड़ बेरोज़गार हुए हैं

वीडियो: देश में कोरोना महामारी की वजह से लगभग 11 करोड़ लोग बेरोज़गार हो चुके हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रेम शंकर झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने बात की.

कोरोना वायरस: लगातार चौथे दिन संक्रमण में रिकॉर्ड वृद्धि, 24 घंटे में क़रीब सात हज़ार नए मामले

देश में लगातार बढ़ोतरी के साथ संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 138,845 हो चुकी है और मरने वालों की संख्या चार हज़ार का आंकड़ा पार कर चुकी है. भारत कोरोना वायरस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित 10 देशों की सूची में शामिल हो गया है.

कोर्ट ने पिंजरा तोड़ कार्यकर्ताओं को जमानत दी, पुलिस ने एक अन्य मामले में कस्टडी मांग ली

दिल्ली कोर्ट ने कहा कि केस के तथ्यों से पता चलता है कि आरोपी सिर्फ एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, किसी हिंसा में शामिल नहीं थे.

राजस्थान: खनन क्षेत्र के लाखों मज़दूर भुगत रहे हैं लॉकडाउन का ख़ामियाजा

कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन के बाद राजस्थान में खानें भी बंद हो गई थीं. अप्रैल से राज्य सरकार ने खनन कार्य की अनुमति दी थी, लेकिन अधिकतर मज़दूर घर लौट गए हैं या फिर उनके पास खान तक पहुंचने का साधन नहीं है.

अमेरिका में मृतक संख्या एक लाख के क़रीब, न्यूयॉर्क टाइम्स ने फ्रंट पेज पर मृतकों की सूची छापी

दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी से अब तक 3.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमण के मामले बढ़कर 53 लाख से अधिक हो चुके हैं. भारत में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई, यहां अब तक 3,867 लोग जान गंवा चुके हैं.

उत्तर प्रदेश: आलोचना के बाद सरकार ने वापस लिया कोविड वार्ड में मोबाइल पर पाबंदी का फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है ताकि अस्पतालों की दुर्दशा का सच जनता तक ना पहुंचे.

पंजाबः पत्रकार की बर्बर पिटाई, आरोपी दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

एक अन्य मामले में पंजाब के एक मंत्री के ज्योतिष के प्रति रुझानों को लेकर रिपोर्ट लिखने पर एक पत्रकार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

अचानक लॉकडाउन लागू किया जाना गलत था, तुरंत हटाना उतना ही गलत होगा: उद्धव ठाकरे

एक वीडियो संदेश में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने थोड़ी मदद की है लेकिन वह कोई राजनीतिक छींटाकशी नहीं करेंगे.

गुजरात के सिविल अस्पताल कालकोठरी से भी बदतर हैं: हाईकोर्ट

गुजरात देश में सबसे ज्यादा कोरोना मौतों वाले राज्यों में से एक है, जिसमें से सिविल अस्पताल में 377 मौतें हुई हैं जो कि राज्य की कुल मौतों का लगभग 45 फीसदी है.

सीएए: दिल्ली हिंसा मामले में पिंजरा तोड़ संगठन की दो कार्यकर्ता गिरफ़्तार

गिरफ़्तार की गईं दोनों कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जेएनयू की छात्राएं हैं. पिंजरा तोड़ संगठन की ओर से कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बीते कुछ महीनों में कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. हम इसकी पुरज़ोर निंदा करते हैं.

कोरोना को लेकर आने वाले हफ्ते बहुत कठिन, कुछ जगह सामुदायिक संक्रमण हो रहा: एम्स निदेशक

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत को अपनी सीमाओं के भीतर स्थिति से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, न कि यह दावा करने की कि हम अन्य देशों से बेहतर कर रहे हैं.

चीन के प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ हांगकांग में विरोध प्रदर्शन

चीन ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विवादित विधेयक का मसौदा शुक्रवार को संसद में पेश किया था. इसका उद्देश्य पूर्व में ब्रिटेन के उपनिवेश रहे हांगकांग पर नियंत्रण को और मजबूत करना है.

कोरोना वायरस: देश में लगातार तीसरे दिन रिकॉर्ड बढ़ोतरी, 24 घंटे में 6,767 मामले दर्ज

देश में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से 147 लोगों की मौत हुई है. इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 3,867 हो गई है, वहीं संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 131,868 हो चुके हैं.

लॉकडाउन: घोषणाओं से दिल भले बहल जाएं, पेट कैसे भरेंगे

मज़दूरों के नाम पर हो रही बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बीच यह स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार और समाज के पास न तो उनके लिए सरोकार है, न सम्मान की भाषा और व्यवहार. न ही वह गरिमा और आंख का पानी बचा है, जिसके साथ एक मनुष्य दूसरे को मनुष्य समझते हुए देखता है.