भूमंडलीकरण की बाज़ारोन्मुख आंधी में कट्टरता और सांप्रदायिकता अयोध्या के बाज़ार की अभिन्न अंग बनीं तो अभी तक बनी ही हुई हैं.
अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद वास्तविक मुद्दा नहीं हैं, क्योंकि जनता इस मुद्दे को लेकर शांतिपूर्ण रह रही है. वास्तविक मुद्दा सांप्रदायिकता का विकास और सांप्रदायिक संगठनों द्वारा सांप्रदायिक तनाव को हवा देना है.
यह वह अयोध्या नहीं है जिसको सार्वजनिक कल्पना में विहिप और भाजपा या दिल्ली के तथाकथित लिबरल्स व मार्क्सवादी बुद्धिजीवियों ने स्थापित किया है. यह एक सामान्य शहर है.
देश के वामपंथी और समाजवादी बौद्धिकों ने धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का पूरा दारोमदार मंडलवादी और आंबेडकरवादी आंदोलनों पर डाल दिया लेकिन इन आंदोलनों ने देश को इतने भ्रष्ट नेता दिए कि उनके पास धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का नैतिक बल ही नहीं बचा.
26 साल पहले आज ही के दिन स्वयं को रामभक्तों की सेना कहने वालों ने एक ऐसा जघन्य कृत्य किया था जिसके कारण पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म का सिर हमेशा के लिए कुछ नीचे हो गया.
जन गण मन की बात की 158वीं कड़ी में विनोद दुआ अपने इस कार्यक्रम में सरकार से सवाल पूछने के साहस और अयोध्या विवाद के 25 साल पूरे होने पर चर्चा कर रहे हैं.
एक पक्षकार की ओर से पेश अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आग्रह किया कि अपीलों पर अगले लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई, 2019 में सुनवाई कराई जाए.
तमिलनाडु और केरल के तटों से 809 मछुआरे नौका के साथ बहकर महाराष्ट्र तट पहुंचे.
सुल्तानपुर सत्र न्यायालय ने 1982 में एक व्यक्ति को अपने भतीजे की हत्या में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
वाजिब तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिशंकर अय्यर के बयान की आलोचना करने का हक़ है मगर औरंगजेब राज मुबारक कहकर वो भी अय्यर के स्तर पर आ गए.
गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने जीएसटी, महंगाई और बेरोज़गारी पर किए पीएम से सवाल, चिदंबरम का आरोप- गुजरात में सांप्रदायिक कार्ड खेल रही भाजपा.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सबसे पहले वर्ष 1949 में अदालत की चौखट पर पहुंचा था.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जेडीयू से बगावत करने वाले नेताओं शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता समाप्त कर दी है.
ग्राउंड रिपोर्ट: आदिवासी ज़िले नर्मदा में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण का काम ज़ोर-शोर से चल रहा है लेकिन इस पूरे ज़िले के किसी भी अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था नहीं है.
मीडिया बोल की 26वीं कड़ी में उर्मिलेश, अधिवक्ता सारिम नावेद और मीडिया विजिल के फाउंडिंग एडिटर पंकज श्रीवास्तव के साथ यूपी निकाय चुनाव के नतीजों और मीडिया पर लगी अदालती पाबंदी पर चर्चा कर रहे हैं.