पद्मावती मामले में निर्माता और प्रदर्शनकारी दोनों की ग़लती: मनोज कुमार

वरिष्ठ अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार ने कहा, पद्मावती तमिल में भी बनी लेकिन किसी ने उस पर आपत्ति नहीं की.

फिल्म पद्मावती का पोस्टर और वरिष्ठ अभिनेता मनोज कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक/विकिमीडिया)

वरिष्ठ अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार ने कहा, आपको संदर्भ को जोड़ने के लिए सामग्री के ढांचे के अंदर घटनाओं की कल्पना करनी पड़ती है. पद्मावती तमिल में भी बनी लेकिन किसी ने उस पर आपत्ति नहीं की.

फिल्म पद्मावती का पोस्टर और वरिष्ठ अभिनेता मनोज कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक/विकिमीडिया)
फिल्म पद्मावती का पोस्टर और वरिष्ठ अभिनेता मनोज कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक/विकिमीडिया)

मुंबई: फिल्म पद्मावती से जुड़े पूरे घटनाक्रम को बकवास बताते हुए वरिष्ठ अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार का कहना है कि निर्माता और प्रदर्शनकारियों दोनों की गलती है.

उन्होंने दोनों पक्षों पर स्थिति से ठीक से नहीं निपटने का आरोप लगाया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में मनोज कुमार ने कहा, मैं दोनों पक्षों को दोषी कहूंगा. यह बकवास है. अगर राजपूतों को यह महसूस होता है कि कुछ गलत है तो उन्हें फिल्म निर्माताओं को लिखना चाहिए था कि फिल्म रिलीज़ करने के पहले, कृपया हमें दिखा दें.

उन्होंने कहा, ‘उनकी आपत्ति पर निर्माताओं को उन्हें लिखना चाहिए था कि आइए और फिल्म देखिए और एक घंटे में मामला खत्म कीजिए. यह आपस का झगड़ा सड़क पर लाना है. कुछ हद तक मीडिया को भी दोषी बताया जा सकता है.’

शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म शहीद में काम कर चुके कुमार का मानना है कि इतिहास पर आधारित फिल्म बनाते समय आज़ादी ली जा सकती है लेकिन यह तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किए बिना होनी चाहिए. कुमार ने ही फिल्म शहीद लिखी थी.

उन्होंने कहा कि आपको संदर्भ को जोड़ने के लिए सामग्री के ढांचे के अंदर घटनाओं की कल्पना करनी पड़ती है. पद्मावती तमिल में भी बनी लेकिन किसी ने उस पर आपत्ति नहीं की.

80 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह भी 1987 में अपनी फिल्म कलयुग और रामायण के साथ सेंसर बोर्ड के शिकार हुए.

उन्होंने कहा, ‘फिल्म में एक गाना था कलयुग की सीता मिलने जज को चली, नौ सौ चूहा खाके… , मैं वहां राम-सीता की बात नहीं कर रहा था. यह मेरे लिए एक नया विषय था लेकिन उस समय कुछ समूहों ने सेंसर बोर्ड में भारी हंगामा किया.

कुमार ने कहा कि सेंसर की परेशानियों से बचने के लिए दिशानिर्देश स्पष्ट होने चाहिए कि फिल्म को कौन सेंसर कर रहा है और क्या वे सिनेमा की भाषा तथा उसकी पृष्ठभूमि को समझते हैं.

रितिक, वरुण और सोनाक्षी ने भी निंदा की

मुंबई: रितिक रोशन, वरुण धवन और सोनाक्षी सिन्हा जैसे बॉलीवुड सितारों ने कहा है कि अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और फिल्म पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली को जान की धमकी देना उचित नहीं है.

वे एक पुरस्कार कार्यक्रम से इतर बोल रहे थे. उन लोगों ने ऐसी हिंसक धमकियां देने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई पर बल दिया.

भंसाली के साथ फिल्म गुजारिश में काम कर चुके रितिक ने कहा कि यह हमारे विकास के स्तर का स्पष्ट संकेत है. यह इस तथ्य का भी प्रतिबिंब है कि हमें विकसित होने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है.

वरुण धवन ने कहा कि भारत में लोकतंत्र है और हर किसी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन चीज़ें हिंसक नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है और हमें उसका सम्मान करना चाहिए. लेकिन धमकी देने की अनुमति नहीं दी जा सकती. उन्हें अपनी न्यायपालिका में भरोसा है.

सोनाक्षी ने कहा कि फिल्म और इससे जुड़े लोग जिस प्रकार के विरोध का सामना कर रहे हैं, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा, …जो हो रहा है, उचित नहीं है और ऐसा नहीं होना चाहिए. हमारे देश में, अगर खुलेआम धमकी दी जाती है, तो यह सही चीज़ नहीं है. मैं समझती हूं कि उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

दीपिका को धमकियों पर कृति और यामी ने कहा, यह डरावना है

अभिनेत्रियों कृति सेनॉन और यामी गौतम ने कहा है कि फिल्म पद्मावती में राजपूत महारानी पद्मिनी की भूमिका निभाने को लेकर दीपिका पादुकोण को दी जाने वाली धमकियां डरावनी और अस्वीकार्य हैं.

कृति ने कहा कि एक अभिनेत्री के तौर पर विभिन्न चरित्रों को पर्दे पर निभाना उनका काम है और दीपिका को हाल में मिली धमकियों के चलते वह अब कोई भूमिका निभाने से पहले दो बार सोचेंगी.

उन्होंने फिल्मफेयर ग्लैमर एंड स्टाइल अवॉडर्स के दौरान कृति ने कहा, फिल्म उद्योग का हिस्सा होना और जो कुछ हो रहा है उसे देखना बहुत डरावना है. अभिनय हमारा काम है और हम चरित्रों को निभाते हैं जो कि हमारा काम है. मैं भविष्य में ऐसा कोई चरित्र निभाने से डरूंगी जो जिससे कोई आहत हो, सार्वजनिक रूप से मुझे कोई भी मौत की धमकी दे सकता है.

यामी ने कहा कि फिल्म को लेकर पूरा विवाद हैरान करने वाला है और वह उम्मीद करती हैं कि चीजों का जल्द समाधान हो जाएगा.

उन्होंने कहा, यह अस्वीकार्य है. यह जिस तरह से चल रहा है, वह अस्वीकार्य है. यह हैरान करने वाला है. मैं वास्तव में उम्मीद करती हूं कि जल्द कोई समाधान निकल आएगा क्योंकि कोई भी फिल्म काफी मेहनत से बनती है.

पद्मावती पर निर्णय लेने के लिए सीबीएफसी सही संस्था: शाहिद कपूर

फिल्म पद्मावती के भविष्य का फैसला अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के हाथों में है. इस फिल्म के अभिनेता शाहिद कपूर का कहना है कि अब फिल्म सही प्राधिकार के पास है और उन्हें आशा है कि फिल्म जल्द ही रिलीज़ होगी.

संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज़ होने वाली थी लेकिन सीबीएफसी द्वारा विस्तृत जानकारी के साथ दोबारा आवेदन करने की मांग के बाद निर्माताओं ने ख़ुद ही फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ को आगे बढ़ा दिया था.

फिल्म के निर्माताओं ने हाल ही में 3डी प्रमाणन के लिए आवेदन किया है.

शाहिद ने कहा, यह अच्छा है. फिल्म वहीं वापस आ गई जहां से हमने शुरू किया था. निर्णय लेने के लिए सीबीएफसी सही संस्था होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हमें एक निर्णय मिलेगा.

शाहिद कपूर ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, मैंने उड़ता पंजाब के साथ भी कई तरह की समस्याएं देखीं और बाद में फिल्म रिलीज़ हुई. सभी लोगों ने इस फिल्म को देखा और पसंद किया. मुझे विश्वास है कि ऐसा ही पद्मावती के साथ भी होगा.

फिल्म को लेकर चल रहे विवाद से विचलित हुए बिना शाहिद ने कहा कि अगर टीम ने अच्छा काम किया है तो पद्मावती अच्छी चलेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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