सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने कहा कि हम सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांग सकते हैं. हमें किसी पार्टी के पहचान को रद्द करने या उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है.
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व क़ानून, 1951 में संशोधन करके धारा 58बी शामिल करने की मांग की थी, ताकि राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को रिश्वत देने पर चुनाव को स्थगित या रद्द किया जा सके. लेकिन केंद्र सरकार ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया.
उम्मीदवारों को रक़म की अदायगी डिजिटल में या चेक की शक़्ल में अदा करने की इजाज़त नहीं है. अब तक 15 लोगों ने नामांकन दाख़िल किया, जिनमें से सात को अयोग्य ठहरा दिया गया.
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, पार्टियों को चुनौती देंगे कि वे 5 राज्यों के चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम में गड़बड़ी के अपने दावे को सच साबित करके दिखाएं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने सरकार से आग्रह किया है कि वह पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तुरंत धन जारी करे ताकि लोकसभा चुनाव में इन मशीनों को उपयोग में लाया जा सके.