राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा सदस्यों ने सरकार से मांग की कि ओबीसी समाज के लिए अलग मंत्रालय का गठन हो ताकि उन्हें समुचित अधिकार मिल सकें.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया द्वारा पीड़िताओं का साक्षात्कार लेकर उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. साथ ही, अदालत ने मामले में केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
रेल मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है.
शीर्ष अदालत 158 वर्ष पुरानी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 497 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है.
भारतीय युवा परमानेंट रोज़गार की तैयारी में जवानी के पांच-पांच साल हवन कर रहे हैं. उनसे यह बात क्यों नहीं कही जा रही है कि रोज़गार का चेहरा बदल गया है. अब अस्थायी काम ही रोज़गार का नया चेहरा होगा.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले अख़बार 'प्रात: कमल' की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रसारण संख्या 60,862 प्रति रोजाना दिखाकर बिहार सरकार से हर वर्ष क़रीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन लिए जाते थे.
एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम को अपने पुराने और मूल स्वरूप में फिर से लागू करने के लिए केंद्र सरकार संसद के इसी सत्र में संशोधन बिल पेश करेगी.
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में केंद्र सरकार को दिए उस निर्देश की पालना की जाए जिसमें कहा गया था कि नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में नर्सों के वेतन और कार्य परिस्थितियों को सुधारने के लिए एक समिति का गठन हो.
कांग्रेस को लगता है कि उसने भाजपा की कमज़ोर नस पकड़ ली है और वह इसे 2019 के आम चुनाव तक हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.
अलवर ज़िले के गोविंदगढ़ थानाक्षेत्र में बीती 30 जुलाई को पुलिस ने तीन महिलाओं को 40 किग्रा कथित गोमांस के साथ गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने इस संबंध में राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
पिछले 10 दिनों से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आठ लोग आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं. अब तक छह विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले एक हिंदी दैनिक की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रतिदिन 60,862 प्रतियां छपीं दिखाकर बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे. आरोपी राज्य जनसंपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार था.
रेल मंत्री के ट्विटर हैंडल पर जाकर देखिए. वे उन्हीं ट्वीट को रिट्वीट करते हैं जिसमें यात्री तारीफ़ करते हैं. मगर सैकड़ों की संख्या में छात्र परीक्षा केंद्र को लेकर शिकायत कर रहे हैं, उन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है.
झारखंड में सामाजिक कार्यकर्ताओं को इन दिनों कई तरह के दबावों का सामना करना पड़ रहा है. कई लोगों पर मुक़दमे दर्ज हुए हैं तो कुछ लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. वहीं, स्वामी अग्निवेश जैसे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई है.
उच्चतम न्यायालय की पीठ को बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की पुनर्वियार याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में हस्तक्षेप की कोई वजह नज़र नहीं आई.