पीडीपी के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर महबूबा ने कहा कि राज्य में ख़ून-खराबा रोकने की ख़ातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान ख़ान की ओर से बढ़ाया गया दोस्ती का हाथ कबूल करें.
गठबंधन की सरकार गिरने के बाद पार्टी के अंदर उठ रहे बगावती सुरों से परेशान पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जिस तरह हर परिवार में मतभेद होते हैं उस तरह हर दल में भी मतभेद होते हैं, जिन्हें सुलझाया जा सकता है. दिल्ली के दख़ल के बगैर पीडीपी में कोई दरार नहीं आ सकती.
जन गण मन की बात की 268वीं कड़ी में विनोद दुआ कश्मीर और सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ट्रोलिंग पर चर्चा कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी सरकार में मंत्री रहे चौधरी लाल सिंह ने पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि कश्मीरी पत्रकारों को सोचना होगा कि उन्हें कश्मीर में कैसे रहना है.
अगर जम्मू कश्मीर में तीन साल के भाजपा-पीडीपी गठबंधन का हासिल यह है कि वहां कट्टरपंथ, आतंक और हिंसा का राज हो गया है तो अब राज्यपाल शासन में, जो कायदे से मोदी सरकार का ही शासन होगा, कौन सा चमत्कार हो जाएगा.
भारत ने कश्मीर पर मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट को ‘भ्रामक’ बताकर ख़ारिज कर दिया था.
प्रधानमंत्री दर्जनों बार कश्मीर जा चुके हैं. वे जब भी गए योजनाओं और विकास पर बात करते रहे. कश्मीर मसले को उन्होंने सौर ऊर्जा प्लांट और हाइड्रो प्लांट के शिलान्यास तक सीमित कर दिया. उनकी कश्मीर नीति क्या है, कोई नहीं जानता.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफ़े के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे एक पत्र में राज्य में केंद्र का शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी. राष्ट्रपति ने वोहरा की सिफ़ारिश को मंज़ूरी दे दी है.
भाजपा के जिन नए चेहरों को शपथ दिलायी गई है उनमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतपाल शर्मा, कठुआ के विधायक राजीव जसरोटिया तथा सांबा के विधायक दविंदर कुमार मान्याल शामिल हैं.
विशेष रिपोर्ट: दैनिक जागरण ने बीते 20 अप्रैल को ‘कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुष्कर्म’ शीर्षक से एक रिपोर्ट अपने सभी प्रिंट और आॅनलाइन संस्करणों में प्रमुखता से प्रकाशित की थी.
अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, बच्ची का अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची-समझी साज़िश थी.
इस तरह के पागलपन और दरिंदगी के आलम में हमारा पूरा वजूद सुन्न पड़ जाता है. एक मायूसी भरा सन्नाटा सबको अपनी चपेट में ले लेता है. मगर फिर एक मुकाम वो भी आता है, जहां यही मायूसी एक भयानक गुस्से में तब्दील हो जाती है.
जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले में आठ साल की मासूम से बलात्कार और फिर हत्या के बाद एक पिता का राष्ट्रपति के नाम पत्र.
लोग आपको तिरंगे की चादर में लपेट कर हिंदुत्व का मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण दे रहे थे, इसलिए नहीं कि आप सात्विक और आध्यात्मिक बन जाएं बल्कि किसी की हत्या के वक़्त हिंदुत्व के नाम पर आप चुप रहना सीख लें.
हिंदू-मुसलमान, ऊंची जाति, नीची जाति, नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन, काले-गोरे, हरे, पीले, लाल, गुलाबी, भगवा, कत्थई. सब बन लिए. अब जरा भारतीय बनकर भारत को बचा लो.