पॉक्सो के तहत दर्ज एफ़आईआर को समझौते के बाद ख़ारिज नहीं किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें बालिग होने के बाद पीड़ित और आरोपी ने समझौता करने का फ़ैसला किया था. पीठ ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज अपराध को ख़ारिज करना क़ानून की उस भावना के विपरीत होगा, जो कि बच्चों की सुरक्षा के लिए पारित किया गया था.

बच्चों के साथ बलात्कार के दोषियों के लिए खत्म हो दया याचिका का प्रावधान: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्होंने पोक्सो के तहत दोषी ठहराए गए लोगों को दया प्रावधान की समीक्षा के लिए कहा है. अब यह संसद पर निर्भर करता है क्योंकि इसमें एक संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी.

दिल्ली की 19 अदालतों में पॉक्सो के 7,277 मामले लंबित

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 25 जुलाई को देश के प्रत्येक जिलों में पॉक्सो के तहत मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का निर्देश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने बाल यौन शोषण के मामलों के लिए ज़िलों में विशेष अदालतें बनाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये अदालतें उन जिलों में गठित की जाएंगी जहां यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण कानून (पॉक्सो) के तहत 100 या इससे अधिक मुक़दमे लंबित हैं. उधर, राज्यसभा में पॉक्सो संशोधन विधेयक पारित. बाल यौन अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान.

12 साल से छोटी बच्चियों से बलात्कार पर फांसी तक की सज़ा दिलाने वाला विधेयक मंजूर

12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए दंड को सात वर्ष के न्यूनतम कारावास से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रावधान किया गया है. 16 वर्ष से कम की लड़की से बलात्कार में सज़ा 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास किया जा सकेगा.

जघन्य अपराधों के हर मामले में किशोर मुजरिमों को सज़ा-ए-मौत उचित नहीं: जस्टिस लोकुर

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बच्चों और किशोरों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालतों को संवेदनशील बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा हम इस देश में यूं बर्बर नहीं हो सकते.