बिहारः नाबालिग से गैंगरेप कर हत्या, पुलिसकर्मी पर आरोपियों से शव जलवाने का आरोप

घटना पूर्वी चंपारण के कुंडवा चैनपुर की है, जहां 21 जनवरी को चार लोगों ने घर में अकेली 12 साल की बच्ची से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी. वायरल हुए एक ऑडियो के आधार पर स्थानीय थाना प्रभारी द्वारा आरोपियों से सबूत मिटाने के लिए पीड़िता के शव को जलाने की बात कहने का दावा किया गया है.

राजस्थान: छह साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या मामले में एक गिरफ़्तार

राजस्थान के टोंक ज़िले का मामला. बच्ची शनिवार को एक स्कूली कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी. बच्ची का शव अगले दिन पास के एक गांव से बरामद किया गया.

केरलः 12 साल की बच्ची से दो साल तक 30 लोगों ने बलात्कार किया, पिता समेत तीन गिरफ़्तार

मामला मलप्पुरम ज़िले का है, जहां स्कूल में काउंसिलिंग के दौरान सातवीं कक्षा की छात्रा ने इस बारे में बताया. बच्ची का पिता बेरोज़गार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.

जयपुर में सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार, कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन, 16 हिरासत में

सोशल मीडिया पर ये जानकारी फैलने के बाद इस घटना ने सांप्रदायिक रंग ले लिया, जिस अस्पताल में बच्ची का इलाज चल रहा था, वहां स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया. 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद.

जम्मू कश्मीरः बांदीपोरा में तीन साल की बच्ची से बलात्कार के बाद विरोध प्रदर्शन

जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले के संबल इलाके का मामला. आरोपी को गिरफ़्तार कर पुलिस हिरासत में भेजा गया. पुलिस ने बताया कि मध्य और उत्तर कश्मीर के 12 से अधिक स्थानों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है.

प्रद्युम्न हत्याकांड : सीबीआई ने 11वीं के छात्र को हिरासत में लिया, कंडक्टर के ख़िलाफ़ नहीं मिला कोई सबूत

आरोपी छात्र ने कथित तौर पर इस अपराध को अंजाम इसलिए दिया क्योंकि वह चाहता था कि पूर्व निर्धारित पेरेंट्स-टीचर मीटिंग और परीक्षा टल जाए.

यह समाज और इसका वातावरण बच्चों के अनुकूल नहीं है

यह ‘अच्छे स्पर्श’ और ‘बुरे स्पर्श’ की सरलीकृत बायनरी से आगे बढ़ने का वक़्त है. बच्चों के लिए न विशेष अदालतें हैं, न काउंसलिंग के इंतज़ाम हैं, न ही सुरक्षित वातावरण जिसमें वह पल-बढ़ सकें.

स्कूल में बच्चे की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका प्रभाव देशव्यापी है.

‘मोटी रकम वसूलने वाले स्कूल सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं’

बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही पर स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय होने और संबंद्धता रद्द होने तक के प्रावधान हैं, लेकिन सीबीएसई के दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है.