पत्रकार आशीष सागर पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में केन नदी में अवैध बालू खनन की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. आरोप है कि ज़िले के पैलानी क्षेत्र की अमलोर मौरम खदान से नियमों का उल्लंघन कर बालू निकाला जा रहा है, जिसके चलते नदी एवं पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है. इस संबंध में ज़िला प्रशासन से शिकायत की गई है. वहीं इलाके के एसडीएम का कहना है कि अवैध खनन नहीं हो रहा है.
बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरा खनन के लिए छतरपुर ज़िले के बक्सवाहा जंगल के एक बड़े हिस्से में लगे दो लाख से अधिक पेड़ काटे जाने की योजना है, जिसका व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है. विडंबना यह है कि बीते दिनों पर्यावरण बचाने की कसमें खाने वाले सत्ता और विपक्ष के अधिकांश नेता इसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं.
यह बेहद दुख की बात है कि तमाम गांवों में पशुओं की बड़ी संख्या में मौत होने के बावजूद अभी तक उनकी रक्षा के लिए कोई असरदार प्रयास नहीं हुए हैं.
बुंदेलखंड के गांवों में बहुत से हैंडपंप हैं, पर उनमें पानी नहीं है. गांव वालों को दो किमी. दूर तालाब पर जाना पड़ता है. गंदे पानी के उपयोग से कई बीमारियां फैल रही हैं