वीडियो: साल 2017 में भारतीय अर्थव्यवस्था कैसी रही और 2018 में उसके समक्ष प्रमुख चुनौतियों पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.
वीडियो: 2017 में भारत में हुई बड़ी राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेेसर अपूर्वानंद से अमित सिंह की बातचीत.
इतिहासकार इरफान हबीब की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब विपक्षी दल, भाजपा एवं संघ पर हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाने के लिए भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगा रहे हैं.
गुजरात सरकार के मुख्य सचिव जेएन सिंह ने कहा कि किसानों को उचित मूल्य और युवाओं को रोजगार मिलता तो भाजपा के ख़िलाफ़ वोटिंग नहीं होती.
हम भी भारत की 15वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, साल 2017 के राजनीतिक घटनाक्रमों और आने वाले साल में राजनीति की दिशा पर चर्चा कर रही हैं.
मुल्क की बागडोर संभालते वक्त ‘संविधान को सबसे पवित्र किताब’ कहने वाले तथा अपने आप को ‘आंबेडकर का शिष्य’ घोषित करने वाले प्रधानमंत्री ने भी अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर खामोशी बरतना मुनासिब समझा.
बीरभूम में टीएमसी के ज़िलाध्यक्ष ने कहा कि राज्य में इमामों-मुअज्जिनों को सरकार की ओर से भत्ता मिलता है. इस सूची में पुजारियों को शामिल कर संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
भाजपा राज्य महासचिव के पत्र के मुताबिक अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध करने के कारण गाजियाबाद ज़िलाध्यक्ष पद से अजय शर्मा को हटाया गया है.
कांग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाया संविधान पर हमला करने का आरोप.
सदन में पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार खाने के दूषित होने की संभावना के साथ मांसाहारी खाना देखने से शाकाहारी लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. कांग्रेस पार्षद ने प्रस्ताव को निजी ज़िंदगी में दख़ल बताया.
बीते सितंबर महीने में असम की डिब्रूगढ़ पुलिस ने लोगों को हथियार उठाने के लिए उकसाने के आरोप में रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था.
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अपूर्वानंद से अमित सिंह की बातचीत.
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान बदलने को लेकर दिए गए बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफ़ी पर अड़ा विपक्ष. मोदी सरकार ने संविधान में जताई श्रद्धा.
आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने के महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है.
साल 1995 में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, भाजपा विधायक शीतल पांडेय और 10 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गोरखपुर ज़िले के पीपीगंज थाने में केस दर्ज हुआ था.