2017 में एनएचआरसी ने अपनी जांच में पाया था कि अक्टूबर 2016 में कथित तौर पर भोपाल जेल तोड़कर भागे आठ विचाराधीन क़ैदियों की मुठभेड़ में मौत के बाद से जेल में रहने वाले सिमी से जुड़े 28 क़ैदियों को प्रताड़ित करते हुए बुनियादी मानवाधारिकारों से वंचित रखा गया. आयोग ने जेल अधिकारियों के ख़िलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक जांच में भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी से जुड़े विचाराधीन कैदियों से साथ उत्पीड़न की शिकायतों को सही पाया है और इसके लिये जेल स्टाफ के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही की अनुशंसा की है.
कैदियों के परिजनों ने उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था.