अगर सारे दल बीजेपी में शामिल हो जाएं तो हो सकता है कि प्रधानमंत्री टीवी पर ऐलान कर दें कि भारत से राजनीतिक भ्रष्टाचार ख़त्म हो गया है क्योंकि सब मेरे साथ आ गए हैं.
कांग्रेस, राजद, बसपा, तृणमूल और सपा जैसे दलों को भ्रष्टाचार के घेरे में लेकर यह सिद्ध किया जा रहा है कि उनकी सारी धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार को ढंकने का एक आवरण है.
पनामा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराये जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पद छोड़ा.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
आयकर विभाग और सीबीआई भारत की राजनीति तय कर रहे हैं. भ्रष्टाचार तो मिटा नहीं, राजनीति तय कर देना भी कम बड़ा योगदान नहीं है.
पटना के अलावा दिल्ली, रांची, पुरी, गुड़गांव समेत लालू के 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई. बतौर रेल मंत्री टेंडर में हेराफेरी के आरोप में सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे के अलावा चार अन्य लोगों पर अजमेर के एक गांव के सरपंच ने मारपीट करने का आरोप लगाया था.
कांग्रेस का आरोप है कि अमरकंटक में आयोजित नर्मदा सेवा यात्रा के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी ख़जाना लुटाकर प्रधानमंत्री की सभा के लिए बटोरी भीड़.
अमेरिकी थिंक टैंक जीएफआई ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि इसी अवधि में 165 अरब डॉलर की अवैध राशि देश से बाहर गई है.
बिड़ला-सहारा डायरी केस और कालिखो पुल सुसाइड मामले में न्यायपालिका पर सवाल उठाता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के लेख का आॅडियो.
वह समय आ चुका है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गंभीरता से विचार-विमर्श करके इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए कोई रास्ता निकालने के बारे में सोचना चाहिए.
कुछ विश्लेषकों का मानना था कि बसपा इस चुनाव में डार्क हॉर्स साबित होगी. पार्टी का आधार वोट बैंक दलित और मुस्लिम मतदाता मिलकर उसे भारी जीत दिलाएंगे.
घूसखोरी के मामले में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों से आगे है.
नोटबंदी से लोगों को तमाम परेशानियां हुईं, फिर भी ज्यादातर लोग नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम से ख़ुश क्यों हैं?
वे मुझे मार डालेंगे, मुझे थप्पड़ मार देना’, 'मुझे लात मार कर सत्ता से हटा देना’, 'मुझे फांसी पर चढ़ा देना’, 'मुझे उलटा लटका देना’, 'मुझे चौराहे पर जूते मारना’.... ये सब मोदी क्यों बोलते हैं?