याचिकाओं में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के चारों आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने का ग़ैर-न्यायिक हत्या क़रार दिया गया है. साथ ही पुलिस को उकसाने के लिए सपा सांसद जया बच्चन तथा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग गई है.
तेलंगाना में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के एक दिन बाद सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि मैं यह नहीं मानता हूं कि न्याय कभी भी तुरंत हो सकता है और तुरंत होना चाहिए. मेरा मानना है कि बदले का स्थान लेने पर न्याय अपना मूल स्वरूप खो देगा.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक बलात्कार पीड़िता को गुरुवार तड़के बलात्कार के आरोपियों सहित पांच लोगों ने आग के हवाले कर दिया था. करीब 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी युवती को एयर एम्बुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया था. पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया.
वीडियो: हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
तेलंगाना हाईकोर्ट ने यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को मिले एक प्रतिवेदन पर दिया, जिसमें महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले पर न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई थी.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पांच दिसंबर को ज़मानत पर छूटे सामूहिक बलात्कार के आरोपियों ने मामले की सुनवाई के लिए अदालत जा रही युवती को ज़िंदा जला दिया था.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मार दिए जाने की घटना पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह एनकाउंटर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में पुलिस की नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया गया है.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.
सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को आरोपियों द्वारा जिंदा जलाए जाने के बाद हालत नाजुक होने पर पीड़िता को एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.
वीडियोः देश में लगातार सामने आ रहे बलात्कार और यौन हिंसा के मामले महिला सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावों के उलट हैं. एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते तीन सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है.बता रही हैं रीतू तोमर.
बीते 27 नवंबर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की चार युवकों ने बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी.
मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव का है. सामूहिक बलात्कार के आरोपियों ने ज़मानत पर जेल से रिहा होने के बाद दोस्तों के साथ मिलकर पीड़िता पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. इस मामले में सभी पांचों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
महिलाओं की सुरक्षा की चिंता और उनको हिंसा, बलात्कार आदि से बचाने को लेकर कड़े क़ानून बनाने का नेताओं का आश्वासन उनके दिए महिला-विरोधी बयानों के बरक्स बौना नज़र आता है.
भारत जैसे देश में, जहां बलात्कार के मामलों में अदालत की सुनवाई आरोपी के बजाय पीड़ित के लिए ज्यादा मुश्किल भरी होती हैं, वहां कुछ चर्चित मामलों में सज़ा कड़ी कर देने से किसी और को ऐसा करने से रोकना मुश्किल है. ऐसे अधिकतर मामले या तो अदालतों की फाइलों में दबे पड़े हैं या सबूतों के अभाव में ख़ारिज कर दिए जाते हैं.
हैदराबाद में हुए महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मीडिया संस्थानों द्वारा पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर दिल्ली के एक वकील ने याचिका दायर की है. गृह मंत्रालय के निर्देश हैं कि बिना अदालत की अनुमति के किसी भी स्थिति में पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया जा सकता.