सुप्रीम कोर्ट के महासचिव द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'आंतरिक समिति ने पाया कि 19 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई दम नहीं है.'
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जांच समिति का दायरा बढ़ाने के लिए एक बाहरी सदस्य को भी शामिल करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तीन रिटायर्ड महिला जजों के नाम का सुझाव भी दिया है.
जस्टिस चंद्रचूड़, नरीमन द्वारा सीजेआई मामले की जांच समिति से मुलाकात का दावा, सुप्रीम कोर्ट ने नकारा
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन द्वारा जस्टिस एसए बोबडे से शिकायतकर्ता की गैरमौजूदगी में जांच नहीं करने के संबंध में मुलाकात करने की ख़बर का खंडन करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. हालांकि, अदालत ने जांच समिति को पत्र लिखने की बात को खारिज नहीं किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं, जिनसे समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी.
महिला वकीलों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम फिर दोहराते हैं कि तीन जजों की समिति का गठन पूरी तरह से ग़लत है क्योंकि सीजेआई शिकायत की सुनवाई करने वाले तीनों जजों से वरिष्ठ और संस्थान के प्रमुख हैं.
सूत्रों ने बताया कि आंतरिक जांच समिति के सदस्य जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने एक अनुरोध पत्र जारी कर सीजेआई रंजन गोगोई को समिति के सामने आने को कहा था. उस अनुरोध पर वह यौन उत्पीड़न मामले में समिति के सामने पेश हुए.
सीजेआई यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगता था कि जज निष्पक्ष जांच करेंगे लेकिन तीन सुनवाइयों के बाद लगा कि जज मेरी शिकायत को संवेदनशीलता से नहीं बल्कि शक की नजरों से अधिक देखते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और हाईकोर्ट इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.
सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को प्रकाशित अथवा प्रसारित करने से मीडिया पर तब तक तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है, जब तक तीन न्यायाधीशों वाली जांच समिति किसी नतीजे तक नहीं पहुंच जाती है.
सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. एक वकील ने इस आरोप के पीछे साज़िश होने का दावा किया था. जस्टिस एके पटनायक का कहना है कि जब तक आंतरिक जांच पूरी नहीं हो जाती, वे साज़िश के दावों की जांच शुरू नहीं करेंगे.
सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही समिति को लिखे पत्र में शिकायतकर्ता ने कहा कि मुझे केवल तभी न्याय मिल सकता है जब निष्पक्ष और पारदर्शी सुनवाई का मौका दिया जाए.
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शीर्ष अदालत ने सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को 'साज़िश' बताने वाले वकील उत्सव बैंस के दावों की जांच की ज़िम्मेदारी रिटायर्ड जज एके पटनायक को दी है. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यौन उत्पीड़न के आरोपों संबंधी शिकायत पर गौर नहीं करेगी.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर 250 से अधिक महिला वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि ने पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट ने सीधे-सीधे विशाखा गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है.